RABG LIVE NEWS DESK: कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में चिराग पासवान एक बार फिर करेंगे महागठबंधन की बोलती बंद. जी हां एक तरफ चुनाव आयोग के द्वारा कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव की घोषणा कर दी गई है. तो दूसरी ओर चिराग पासवान ने अभी से ही यह ऐलान कर दिया है कि कुढ़नी में पार्टी कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी और वह खुद भाजपा के पक्ष में प्रचार करेंगे.
जाहिर सी बात है कि चिराग पासवान का यह फैसला महागठबंधन के लिए मुसीबतें खड़ा कर सकता है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि चिराग पासवान दिन व दिन राजनीतिक रूप से मजबूत होते जा रहे हैं. शायद यही वजह है कि उपचुनावों में भाजपा के पक्ष में प्रचार करने के लिए खुद अमित शाह ने चिराग पासवान से मुलाकात की. यानी कि भाजपा के दिग्गज नेताओं को यह एहसास हो गया है कि बिहार में अपना अस्तित्व बचाये रखने के लिए उन्हें चिराग पासवान की आवश्यकता है. वैसे बात कुढ़नी की करें तो वहां की परिस्थितियां भी कोई खास भाजपा के अनुकूल नहीं है. स्थिति यह है कि मौजूदा समय में इस सीट पर राजद का कब्जा है.
ऐसे में राजद मोकामा की तरह पूर्व विधायक की पत्नी को चुनावी मैदान में उतार सकती है. हालांकि आरजेडी के अनिल सहनी की विधायकी घोटाले के आरोप में गई है. ऐसे में अनिल सहनी के परिवार से किसी को टिकट मिलता है तो सहानुभूति का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता और आरजेडी किसी और को टिकट देता है तो करप्शन का मुद्दा उसके खिलाफ बैठेगा. ऐसे में नीतीश कुमार की पार्टी मनोज कुशवाहा को उतारकर बीजेपी को घेरने की कोशिश कर सकती है. वैसे भी मनोज कुशवाहा एक तो स्थानीय हैं दूसरा वो कई बार यहां से जीत चुके हैं. साथ ही मंत्री भी रहे हैं और उनकी छवि भी साफ नेता की है.
यानी कि अगर यह सीट जदयू के हिस्से में आता है तो पार्टी के पास मुकेश कुशवाहा जैसे दिग्गज नेता हैं जिनकी क्षेत्र में तूती बोलती है. इसका अर्थ यह हुआ कि कुढ़नी सीट पर महागठबंधन काफी मजबूत स्थिति में है जिसको रोकने के लिए भाजपा को चिराग पासवान की आवश्यकता है. हालांकि चिराग पासवान पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वे कुढ़नी में भाजपा के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कुढ़नी में चिराग पासवान की मौजूदगी में भाजपा कैसा प्रदर्शन करती है.