RABG LIVE NEWS DESK: सरस्वती विद्या मंदिर मुंगेर के सभागार में गुरुवार को छात्र-छात्राओं द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में श्रीकृष्ण बाल-रूप सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कक्षा प्रथम एवं द्वितीय के छात्र-छात्राओं ने कृष्ण और राधा के अवतार में वहीं तृतीय एवं चतुर्थ के छात्र-छात्राओं ने कृष्ण और राधा से जुड़े व्यक्तित्व जैसे- बलराम, सुदामा, यशोदा, देवकी इत्यादि के रूप में अपने को प्रदर्शित किया गया।
छात्र-छात्राओं के द्वारा माखन चोर, कान्हा-कन्हैया जैसे नृत्य भी प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम का प्रारंभ विद्यालय के उपप्रधानाचार्य उज्ज्वल किशोर सिन्हा,बालिका खंड की प्रधानाचार्या कीर्ति रश्मि, प्राथमिक खंड के प्रभारी प्रधानाचार्य अविनाश कुमार, एवं सरस्वती शिशु मंदिर बाँक के आचार्य सुजीत कुमार गुप्ता द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।
मौके पर कीर्ति रश्मि ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का धरती पर जन्म पूरी मानव जाति के लिए वरदान है। द्वापर युग में कंस के अत्याचार का अंत करने और धर्म की स्थापना के लिए भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण ने पृथ्वी लोक पर जन्म लिया। आज ऐसे भगवान कृष्ण का उत्सव मनाया जा रहा है। कहा जाता है कृष्ण का मन से ध्यान करने मात्र से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
उपप्रधानाचार्य उज्ज्वल किशोर सिन्हा ने कहा कि भारत अपने धार्मिक, सामाजिक एवं ऐतिहासिक त्योहारों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। वर्ष भर कोई न कोई त्यौहार राष्ट्र स्तर पर मनाया जाता है। जिसके पीछे एक समृद्ध संस्कृति तथा महात्म होता है। भारतीय पर्व के इस क्रम में एक बड़ा धार्मिक और महत्वपूर्ण पर्व श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव विद्यालय में आज मनाया जा रहा है।
प्रतियोगिता में सफल छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया। प्रतियोगिता में निर्णायक के रूप में टाउन उच्च विद्यालय की शिक्षिका संगीता कर्ण एवं सरस्वती शिशु मंदिर बाँक के आचार्य सुजीत कुमार गुप्ता थे।
कृष्णरूप में
प्रथम – संचित कौशिक,
द्वितीय – प्रियांशु राज एवं
तृतीय – आदित्य राज
राधा रूप में
प्रथम – तेजस्वी श्री
द्वितीय- संसृति
तृतीय- मिस्टी
बलराम रूप में
प्रथम – अक्षत सिन्हा
द्वितीय- अनीश कुमार
तृतीय- मयंक राज
मंच संचालन रिया सिन्हा एवं धन्यवाद ज्ञापन अरूणा शर्मा द्वारा किया गया। साथ ही भैया बहन को सजाने में विद्यालय की आचार्या सुवर्णा घोष की मुख्य भूमिका रही।
मौके पर विद्यालय के समस्त आचार्य-आचार्या सहित छात्रों के अभिभावक भी उपस्थित थे।