RABG LIVE NEWS DESK: काराकाट के राजकीयकृत मध्य विद्यालय इटवा में स्कूली बच्चों को बनाया जा रहा मजदूर,हाथों में कलम की जगह पकड़ाई जा रही कुदाल और पढ़ने के बजाय ढुलवाया जा रहा है मिट्टी ।
नन्हे-मुन्हे स्कूली बच्चों से काम कराने का वीडियो हुआ वायरल ।
रिपोर्ट:- धर्मेन्द्र कुमार सिंह \ बिक्रमगंज/रोहतास। खबर रोहतास जिले के काराकाट प्रखंड से है, जहाँ काराकाट प्रखंड सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षा देने के बजाय शिक्षकों के द्वारा बच्चों से मिट्टी ढुलवाने का कार्य कराया जा रहा है।
प्राथमिक शिक्षा के लिए सरकार हर साल करोड़ों रुपए खर्च करती है, ताकि सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भी पढ़-लिख कर बेहतर भविष्य बना सकें. लेकिन, कुछ शिक्षक ही सरकार की इस सोच पर कुठाराघात करने पर उतारू हैं. रोहतास के काराकाट प्रखंड से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें विद्यालय के शिक्षकों के द्वरा मजदूरी के पैसे बचाने को लेकर स्कूली बच्चों से ही मिट्टी ढुलवाने का कार्य कराया जा रहा है।
बिहार के रोहतास जिला के काराकाट प्रखंड के राजकीयकृत मध्य विद्यालय इटवा से एक ऐसा मामला सामने आया है ।
जानकारी के मुताबिक, मासूम बच्चे कलम कॉपी लेकर विद्यालय पढ़ने के लिए गए थे, किंतु वहां के प्रभारी प्रधानाध्यापक गीता सिंह उनसे बाल मजदूरी करवा रही हैं. यहां मासूम बच्चों से प्रभारी प्रधानाध्यापक के द्वारा कुदाल, खुर्पी आदि पकड़ा कर बालू, मिट्टी, ढुलाई कर पेशेवर मजदूरों की तरह मजदूरी करवाई जा रही हैं.
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि विद्यालय में पढ़ाई करने आए छोटे छोटे स्कूली बच्चों से स्कूल के ग्राउंड में गाढ़ा भरने का कार्य कराया जा रहा है. जहां काम के लिए मजदूरों को न बुलाकर यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं से मजदूरी कराई जा रही है।
बताया जा रहा है कि मजदूरी नहीं देनी पड़े इसके लिए विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक गीता सिंह द्वारा इन नन्हे मासूम बच्चों को पढ़ाई कराने के बजाय ईंट-बालू व मिट्टी ढोने के काम पर लगा दिया जाता है। अब देखना यह है की इस मामले में अधिकारियों द्वारा क्या कुछ कार्रवाई किया जाता है, या फिर लक्ष्मी की कृपा से इस मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है।