RABG LIVE NEWS DESK: सचिन पायलट एक बार फिर बने अशोक गहलोत के लिए बड़ी चुनौती. जी हां पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है.पायलट ने पहले 11 अप्रैल को अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ एक दिन का अनशन किया था. वहीं एक महीने बाद अब 11 मई से सरकार के खिलाफ जन संघर्ष यात्रा शुरू कर दिया है. पायलट की इस पदयात्रा से प्रदेश कांग्रेस सरकार को करीब 35 विधानसभा सीटों पर सीधा नुकसान होने की संभावना है. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि सचिन पायलट अजमेर में खुद के लिए नई सियासी जमीन तलाश कर रहे हैं.
इसीलिए उन्होंने जन संघर्ष यात्रा के लिए अजमेर को चुना है. राजस्थान के 12 जिलों में करीब 35 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां गुर्जर मतदाता अच्छा प्रभाव रखते हैं. ये 12 जिले हैं भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, जयपुर, टोंक, दौसा, कोटा, भीलवाड़ा, बूंदी, अजमेर और झुंझुनूं. गुर्जर बाहूल्य सीटों पर कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 12 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे जिनमें से 7 प्रत्याशी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. वहीं बसपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले जोगिन्द्र सिंह अवाना भी दो साल पहले कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. सचिन पायलट की ओर से जन संघर्ष यात्रा निकाले जाने पर अजमेर जिले की विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को सीधा नुकसान होने वाला है. ज्यादा नुकसान जिले के बाहरी क्षेत्रों की विधानसभा सीटों पर होने वाला है. नसीराबाद, मसूदा, पुष्कर, ब्यावर, केकड़ी और किशनगढ़ सीटों पर पार्टी को सीधा नुकसान होगा.
इन विधानसभा सीटों पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट का काफी क्रेज है. गुर्जर बाहूल्य सीट होने के कारण पायलट की जन संघर्ष यात्रा में सबसे ज्यादा भीड़ नसीराबाद और मसूदा विधानसभा क्षेत्रों के लोग शामिल हो रहे हैं. ऐसे में इन दोनों सीटों पर सबसे ज्यादा असर पड़ने वाला है. उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सभी वर्गों को साधने के लिए लगातार महंगाई राहत कैंपों के निरीक्षण के बहाने प्रदेशभर का दौरा कर रहे हैं.
अमूमन हर दिन सीएम गहलोत आगामी चुनावों को देखते हुए मतदाताओं को रिझाते हुए सरकार की योजनाओं का तेजी से प्रचार प्रसार कर रहे हैं. पार्टी की अंदरुनी कलह से नुकसान के सवाल पर गहलोत कह चुके हैं कि वे विजन 2030 पर काम कर रहे हैं. सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के जरिए लोगों को महंगाई से ज्यादा से ज्यादा राहत देने की कोशिश कर रहे हैं. यानि कि सचिन पायलट के खिलाफ अशोक गहलोत भी तैयार हैं. लेकिन जिस तरह से सचिन पायलट ने जन संघर्ष यात्रा शुरू किया है….उससे कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती है.