मामले से जुडी अहम जानकारिया :
1.छात्र अपने दोनों हाथों पर अपना ब्लड ग्रुप बड़े-बड़े अक्षरों में लिख कर रखें
2.फंसे छात्रों को सुरक्षित स्थल पर पहुंचाने के लिए भरवाए जा रहे ऑनलाइन फॉर्म
3.सुमी से निकलने के लिए सेना की तरह सिस्टम अपनाएं, जिसमें दो छात्र हमेसा साथ रहेंगे और किसी स्थिती में एक -दूसरे का साथ नहीं छोड़ेंगे.
4.दूतावास का सूचना देने के बाद तत्काल रवानगी के लिए हमेशा तैयार रहेंगे छात्र
5.सुमी से निकलने के लिए छात्रों और ग्रुप लीडर्स के बीच ठीक तरीके से कम्युनिकेशन रहे. किसी भी कन्फ्यूजन का शिकार होने से बचें.
6.सुमी से निकल रहे छात्र कुछ ज़रूरी सामान अपने साथ रखें , जैसे- कुछ कपड़े, हल्के कंबल, मोजे, प्राथमिक उपचार किट, डायरी, पेन, चार्जर, पावरबैंक और अपना लैपटॉप.
7.बताया जा रहा है कि सुमी से छात्रों को पोल्टावा ले जाया जाएगा. सुमी से पोल्टावा की दूरी 175 किलोमीटर की है.
भारत यूक्रेन के सुमी शहर से 700 से अधिक भारतीयों को निकालने के प्रयास में रविवार को भी जुटा रहा। हालांकि, गोलाबारी एवं हवाई हमले जारी रहने के चलते उसे सफलता नहीं मिली। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कहा कि सुमी से भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए मिशन की एक टीम पोल्तावा शहर में डेरा डाले हुए हैं ताकि पोल्तावा के रास्ते पश्चिमी सीमा पहुंचा जा सके। साथ ही दूतावास ने छात्रों को सुझाव दिया है कि वह सूचना देने के बाद तत्काल रवाना होने के लिए हमेशा तैयार रहें। छात्रों के लिए पीने के पानी की भी दिक्कत हो रही है. ऐसे में मेडिकल के छात्रों ने बाहर गिर रही बर्फ जमा कर पीने के पानी का इंतजाम करना शुरु कर दिया है. लेकिन छात्रों के पास पर्याप्त पानी जमा करने के साधन भी नहीं हैं. सुमी में मौजद भारतीय छात्र बेहद घबराए हुए हैं.
>यूक्रेन के पोल्तावा शहर में डेरा डाले हुए हैं: मिशन टीम
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने रविवार रात को ट्वीट कर कहा,सुमी से भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए मिशन की एक टीम पोल्तावा शहर में डेरा डाले हुए हैं ताकि पोल्तावा के रास्ते पश्चिमी सीमा पहुंचा जा सके। साथ ही दूतावास ने छात्रों को सुझाव दिया है कि वह सूचना देने के बाद तत्काल रवाना होने के लिए हमेशा तैयार रहें। इस बीच रूस ने सुमी और कीव समेत 4 शहरों में अस्थाई युद्धविराम की घोषणा की है. सुमी में फंसे भारतीय छात्रों को पूरी उम्मीद है कि इस युद्धविराम में भारतीय अधिकारी उन्हें सुमी से निकाल लेंगे.
यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के बाद शुरू किए गए निकासी अभियान ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत भारत 76 उड़ानों के माध्यम से अपने 15,920 से अधिक नागरिकों को वापस लाया है। उधर, अलग से, हंगरी में भारतीय दूतावास ने कहा कि वह अपने निकासी अभियान के ‘आखिरी चरण’ में है और उसने विद्यार्थियों को भारत लौटने के वास्ते बुडापेस्ट पहुंचने का सुझाव दिया। यह जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी।
>छात्र बोले हमारे साथ कुछ भी हुआ तो दूतावास एवं भारत सरकार जिम्मेदार
सुमी में फंसे भारतीयों के संबंध में इस विषय से परिचित लोगों ने बताया कि भारतीयों को निकालने के वास्ते रूसी और यू्क्रेनी पक्ष की ओर से संघर्ष विराम का कोई संकेत नहीं है जबकि भारत ऐसी व्यवस्था के लिए कई बार अनुरोध कर चुका है।साथ ही भारत के 150 से ज्यादा छात्र लापता हैं। इनका कोई सुराग नहीं है। इनकी तलाश के लिए यूक्रेन की यूनिवर्सिटी के फाइनल इयर के छात्रों ने 36 वॉट्सएप ग्रुप्स बनाए हैं। इसके जरिये वे लापता लोगों का पता लगाने का काम कर रहे हैं। इन ग्रुप्स के जरिये अब तक करीब 300 से ज्यादा छात्रों की खोज की जा चुकी है। मेरठ में किठौर क्षेत्र के गांव ललियाना निवासी MBBS छात्र आलमगीर बताते हैं कि ‘सरकार चाहे जो कहे, लेकिन अभी काफी संख्या में हमारे सहपाठी लापता हैं। ये कहां हैं, किस हालत में हैं अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। फिलहाल हमने इन छात्रों के नाम, फोटो, मोबाइल नंबर और यूनवर्सिटी का नाम अपने वॉट्सएप ग्रुप्स में सर्कुलेट कर दिया है।