RABG LIVE NEWS DESK : राहुल गांधी को कोर्ट से मिली फौरी राहत..लेकिन आगे की राह अभी भी मुश्किल. आपको बता दें कि सूरत के सीजेएम कोर्ट ने मोदी सरनेम मानहानि केस में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी. वहीं कोर्ट ने इस सजा को चुनौती देने के लिए राहुल को एक महीने का समय दिया था. सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता चली गई थी.
वहीं रिपोर्ट्स के अनुसार, कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए याचिका तैयार की गई है. इसी कड़ी में राहुल गांधी ने सूरत कोर्ट में याचिका दाखिल की. राहुल गांधी की ओर से सूरत कोर्ट में एक मुख्य याचिका दाखिल की गई और दो आवेदन किए गए. राहुल की मुख्य याचिका में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई. वहीं राहुल गांधी की ओर से सूरत कोर्ट में 2 अर्जियां भी लगाई गईं. इनमें से पहली अर्जी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की थी, वहीं दूसरी अर्जी सजा पर स्टे लगाने से जुड़ी थी. जिस पर सुनवाई के दौरान राहुल गांधी की ओर से सजा पर स्टे लगाने की मांग वाली अपील को स्वीकारते हुए…. अदालत ने राहुल गांधी को अंतरिम जमानत दी है और कहा है कि राहुल की यह जमानत तब तक रहेगी, जब तक कि उनकी अर्जी पर कोई फैसला नहीं हो जाता. वहीं दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली अर्जी पर कोर्ट ने कहा कि दूसरे पक्ष को सुने बिना ऐसा कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता.
जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में शिकायतकर्ता और गुजरात सरकार को 10 अप्रैल तक जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है…..और इसके 3 दिन बाद यानी 13 अप्रैल को अदालत में उसी अर्जी पर अगली सुनवाई होगी. साथ ही अदालत ने राहुल गांधी को यह राहत दी है कि सुनवाई के दौरान उनका वहां मौजूद रहना जरूरी नहीं है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि राहुल गांधी के पास आगे क्या विकल्प है. इस पर जानकारों का यह कहना है कि सूरत कोर्ट में सुनवाई के बाद राहुल गांधी की सजा बरकरार रह सकती है या कम भी सकती है, या फिर उन्हें बरी भी किया जा सकता है. लेकिन अगर सूरत कोर्ट से राहत नहीं मिलती तो राहुल के पास हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प भी होगा. बता दें कि राहुल गांधी 2024 का चुनाव तभी लड़ सकते हैं जब कोई ऊपरी अदालत उनकी सजा को रद्द कर दे, या यदि सूरत की निचली अदालत का फैसला पलट दिया जाए. अगर ऊपरी अदालत निचली अदालत से राहुल गांधी की दोषसिद्धि को रद्द नहीं करती है तो वह 2031 तक चुनाव नहीं लड़ सकते. यानी कि राहुल गांधी को फिलहाल राहत तो मिली है लेकिन उनकी मुश्किलों अभी कम नहीं हुई है.