RABG LIVE DESK: नावकोठी (बेगूसराय)
रामनवमी का पर्व चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि रविवार को मनाया गया।
भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव पर यह त्योहार महेशवाड़ा, पहसारा पश्चिम,पहसारा पर्वी,डफरपुर, छतौना, नावकोठी, रजाकपुर, हसनपुर बागर, विष्णुपुर तथा समसा पंचायतों
में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। श्रद्धालुओं में रामनवमी को लेकर बड़ा उत्साह देखने को मिला।विभिन्न मंदिरों में इस दिन श्रीराम जन्मोत्सव पर कई कार्यक्रम रखे गये।श्री राम अपने पिता राजा दशरथ के एक वचन का पालन करने 14 वर्ष तक वनवास चले गए और माता कैकेयी का भी उतना ही सम्मान किया जितना अपनी माता का।
भातृ प्रेम के लिए श्रीराम का नाम सबसे पहले लिया जाता है।इसीलिए लिए तो भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम कहा जाता है। श्रीराम ने रावण सहित अन्य असुरों का संहार कर धरती पर शांति कायम की थी। भगवान श्रीराम अपने सेवकों तथा अनुयायियों का भी सदैव ध्यान रखा।श्री हनुमान जी उनके प्रिय भक्त थे।इसीलिए पताका पर महावीर जी विराजमान रहते हैं। मान्यता है कि भगवान श्रीराम का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था।
इसीलिए इस दिन तीसरे प्रहर तक व्रत रखा जाता है और दोपहर में रामनवमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन दान−पुण्य करने से अनेक जन्मों के पापों का नाश हो जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम की मूर्ति को शुद्ध पवित्र जल से स्नान कराकर नये वस्त्राभूषणों से सज्जित कर धूप दीप, आरती, पुष्प, पीला चंदन बेसन का लड्डू और शुद्ध घी का बना हुआ पकवान, केला इत्यादि नैवेद्य के रूप में चढ़ाया गया। प्रसाद ग्रहण के बाद व्रत खोलने का विधान है। रामनवमी के दिन मंदिर में अथवा मकान पर ध्वजा, पताका, तोरण और बंदनवार आदि से सजाया गया।
/नावकोठी से नवीन कुमार मिश्रा की रिपोर्ट।