नीतीश कुमार को बढ़ते मुकदमे के दबाव पर सुप्रीम कोर्ट को देना होगा जवाब, शराबबंदी लागू करने से पहले क्या थी नीति

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RABG LIVE DESK: सुप्रीम कोर्ट ने शराबबंदी कानून के चलते बिहार में बढ़ते मुकदमों की संख्या को लेकर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है, बता दे बिहार में शराबबंदी कानून के कारण बढ़ते मुकदमों को लेकर आज एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में नीतीश कुमार के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई है,

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से कहा है कि शराबबंदी कानून लागू करने से पहले राज्य सरकार ने कौन सी नीति बनाई थी, इसके लिए किस तरह से तैयारी की इसका पूरी जानकारी कोर्ट को मुहैया कराए सीजेआई यह बात कह चुके हैं कि ऐसे कानूनों से न्यायपालिका के ऊपर अतिरिक्त दबाव बढ़ता है. पटना हाई कोर्ट के 16 जजों को इस कानून से जुड़े जमानत के मामले सुनने पड़ रहे हैं. अगर इसमें से किसी मामले में जमानत से इनकार किया जाता है तो ऐसी स्थिति में जेलों के अंदर भी भीड़ बढ़ेगी

, आपको बता दे की इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट एक बार फिर से 8 मार्च को सुनवाई करेगी इससे पहले बिहार भी सरकार को कोच में जवाब देकर यह बताना होगा कि राज्य में शराबबंदी कानून होने के बाद जो मुकदमे पढ़े उसके लिए किस तरह से तैयारी की गई थी,शराब बंदी कानून के उल्लंघन के एक आरोपी सुधीर कुमार यादव उर्फ सुधीर सिंह की तरफ से याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेष की बेंच ने बिहार सरकार से जवाब मांगा है. माना जा रहा है कि इसे सरकार की परेशानी बढ़ सकती है. एक तरफ न्यायपालिका शराब बंदी कानून से बड़े मुकदमे के बोझ को लेकर परेशान है ,तो वहीं दूसरी तरफ सरकार शराब बंदी कानून से पीछे हटने को तैयार नहीं है. ऐसे में मौजूदा संकट का हल कैसे निकलेगा यह देखना भी दिलचस्प होगा. बता दे की 8 मार्च के पहले सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में क्या जवाब दिया जाता है और अगली सुनवाई में क्या कुछ सामने निकल कर आता है इस पर सबकी नजरें टिकी होंगी.

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