RABG LIVE DESK: दुश्मन न करे दोस्त ने वो काम किया है, उम्र भर का गम हमें इनाम दिया है. जी हां बिहार में जिस तरह से नीतीश के अपने, उनके लिए मुसीबत बने हुए हैं उसको देखते हुए नीतीश समर्थकों को शायद यही गाना याद आ रहा होगा. दरअसल बिहार के दो नेता इस वक़्त नीतीश कुमार के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. हालांकि ये दोनों नेता कभी नीतीश कुमार के काफी करीबी हुआ करते थे लेकिन अब वे उनके बड़े आलोचक और दुश्मन बन गए हैं. इसमें पहला नाम है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह का. वहीं, दूसरा नाम है जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर का. ये दोनों नेता एक वक्त नीतीश का गुणगान करते नहीं थकते थे. पर इस वक़्त वे खुलकर नीतीश के खिलाफ हमलावर हैं. स्थिति यह है कि दोनों नेता अलग अलग तरीके से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजनैतिक तौर पर परेशान कर रहे हैं|
प्रशांत किशोर तो पूरे बिहार में जन सुराज पदयात्रा कर रहे हैं और नीतीश कुमार के किए गए कामों की खूब आलोचना कर रहे हैं. तो दूसरी ओर आरसीपी सिंह भी पूरे बिहार के भ्रमण पर हैं और घूम-घूम कर नीतीश कुमार के विकास को नकली बता रहे हैं. यहां गौर करने वाली बात यह है कि फिलहाल दोनों नेता किसी भी पार्टी में नहीं हैं. तो सवाल यह उठता है कि आखिर वे क्यों नीतीश के खिलाफ हमला बोल रहे हैं. राजनीतिक जानकारों के अनुसार बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार वह स्तंभ की तरह हैं जिसकी भक्ति और बुराई कुछ भी करने पर सामने वाला लोकप्रिय हो जाता है. यानी कि नीतीश कुमार की आलोचना कर RCP सिंह और प्रशांत किशोर जनता की नजरों में अपनी छवि नीतीश विरोधी बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि आने वाले समय में वे जब भी चुनावी मैदान में उतरें तो जनता के नजरों में उनकी छवि नीतीश विरोधी लोकप्रिय नेता के रूप में रहे.
शायद यही कारण है कि आरसीपी सिंह ने लोगों को संकल्प दिलाया कि आप लोग संकल्प लीजिए कि आप लोग पटेल के अनुयाई बनेंगे पलटू नहीं बनेंगे. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपने भविष्य को लेकर भी एजेंडा तय किया, बताया कि आने वाले समय में वह राजनीतिक कार्यक्रम भी करेंगे लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वह किस पार्टी में शामिल होंगे. वहीं प्रशांत किशोर ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में नेता को इस बात का आभास हो गया है कि वह 10 दिन जाएंगे, सर नीचे झुकाएंगे, लोग उन्हें गाली देंगे, उठक-बैठक करवाएंगे, भला-बुरा बोलेंगे लेकिन वोट उन्हीं को देंगे. उन्होंने कहा कि यहां के नेताओं को भी यह बात समझ आ गई है कि उन्हें केवल 10 दिन जनता से सुनने को मिलेगा, इसके बाद आने वाले 5 साल मौज में रहेंगे. लोगों को समझाते हुए प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अगर आप आगे भी ऐसे ही वोट करते रहे तो अपनी दशा के लिए आप खुद जिम्मेदार होंगे.
इसलिए, आपको अपने भविष्य के लिए खुद सजग होना पड़ेगा. इस तरह RCP सिंह और प्रशांत किशोर ने लोगों को नीतीश की कमियों को बताया. हालांकि बिहार में नीतीश के लगभग दो दशकों के शासन में जनता उनके हर रग से वाकिफ है. इसलिए जानकारों के अनुसार RCP सिंह और प्रशांत किशोर का यह बयान नीतीश के खिलाफ कम उनकी अपनी राजनीति चमकाने के लिए ज्यादा है.