RABG LIVE DESK: बिहार में बालू के अवैध खनन और माफियाओं पर लगाम को लेकर सरकार और प्रशासन की ओर से लगातार जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, सरकारी अफसरों पर कार्रवाई के बाद अब ठेकेदारों और बड़े माफियाओं पर कार्रवाई की जाएगी, बता दे की सोन नदी से होने वाले अवैध खनन नेटवर्क को लेकर 42 बालू माफियाओं की पहचान की गई है, इसमें सहारन को छोड़कर उन सभी जिलों से जुड़े हैं, जहां से सोन नदी बहता है, आपको बता दें कि सबसे अधिक 10 माफिया पटना जिले के रहने वाले हैं
,वही भोजपुर के 9, औरंगाबाद के 6, सहारन के 8, और रोहतास के 9, माफिया भी रडार पर आ चुके हैं। बालू को लूटने वाले में कई दिक्कत भी शामिल है इनमें पूर्व विधायक तक का नाम शामिल है बता दे की सोन के पश्चिम के 1 जिले के विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व विधायक अभी अपराधिक घटनाओं को लेकर सुर्खियों में चल रहे हैं। इतना ही नहीं कई बड़े अधिकारी भी बालू की लूट में शामिल है जांच के दौरान अवैध खनन भंडारण और परिवहन में सम्मिलित पाए गए हैं, ढाई दर्जन से अधिक पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर गाज गिरी है, यह सभी ऐसे अफसर हैं जिन्होंने किसी ना किसी रूप में अवैध खनन के सिडीकेट को मदद किया है,फील्ड से हटाए जाने के बाद इनकी संपत्ति की पूरी तरह से प्रशासन जांच कर रही है
बता दे की सोन के पानी और बालू दोनों की अलग-अलग पहचान है पीला सोना कहे जाने वाले बालू की मांग बिहार में ही नहीं उत्तर प्रदेश तक है। क्योंकि यहां की बालू की क्वालिटी बहुत ही अलग है, निर्माण कार्यों के लिए इससे अच्छा बालू कहीं और नहीं मिलता है, और इस बालू की कई वर्षों से अवैध लूट हो रही है, आखिरकार सरकार की नजर पड़ी तो सोन के बालू लुटेरे भी चिह्नित हो गए। ऐसे ही 42 बालू माफियाओं की पहचान के बाद शिकंजा कसने की कार्रवाई जारी है।