देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अपमान के मामले में ममता बनर्जी ने जनता और अन्य पार्टियों के सामने घुटने टेके!

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RABG LIVE NEWS DESK: देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अपमान के मामले में ममता बनर्जी ने जनता और अन्य पार्टियों के सामने घुटने टेके. दरअसल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (DROUPATI MURMU) पर विवादित बयान के चलते तृणमूल कांग्रेस और सुप्रीमो ममता बनर्जी (MAMTA BANERJEE) चौतरफा घिरी हुई हैं. विपक्ष लगातार ममता से माफी की मांग कर रहा था. इस बीच ममता बनर्जी ने TMC नेता अखिल गिरि के विवादास्पद बयान पर माफी मांग ली है. यहां सवाल यह उठता है कि आखिर ममता बनर्जी जैसी सख्त महिला क्यूं झुकी.

               देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अपमान के मामले में ममता बनर्जी ने जनता और अन्यपार्टियों                                                                  के सामने घुटने टेके !

इसके पीछे कोई राजनीतिक कारण है या फिर उन्हें सचमुच गलती का एहसास हो गया है. इस पर राजनीतिक जानकारों का यह कहना है कि ममता बनर्जी की छवि को देखते हुए यह साफ है कि वह झुकने वालों में से नहीं है. इसलिए इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है पश्चिम बंगाल में आदिवासी वोट बैंक. गौरतलब है कि आदिवासी समुदाय से आने वाली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश के सर्वोच्च पद पर विराजमान हैं. ऐसे में उनके ऊपर की गई नकारात्मक टिप्पणी आदिवासी समुदाय को किस कदर नागवार गुजर सकती है, इसका अंदाजा ममता बनर्जी को बखूबी है. यही वजह है कि उन्होंने अपने मंत्री अखिल गिरी की टिप्पणी पर माफी मांगने के मामले को रफा-दफा करना ही उचित समझा. वैसे भी ममता बनर्जी खुद आदिवासियों के बीच अपनी पैठ बनाने में जुटी हुई हैं.

    देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अपमान के मामले में ममता बनर्जी ने जनता और अन्य पार्टियों                                                के सामने घुटने टेके!

दरअसल पश्चिम बंगाल में आदिवासी समुदाय 7 से 8 फीसदी होने का अनुमान है. जंगलमहल क्षेत्र के चार विधानसभा क्षेत्रों, जिसमें बांकुरा, पुरुलिया, झाड़ग्राम और पश्चिमी मिदनापुर शामिल हैं.. इसके अलावा उत्तरी बंगाल के दार्जिलिंग, कलिमपोंग, अलीपुर्दुआर, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, उत्तरी व दक्षिणी दिनाजपीर और मालदह में आदिवासियों (TRIBALS) की संख्या 25 फीसदी तक है. 2019 के लोकसभा चुनाव में, भाजपा (BJP) ने यहां की 22 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी. तब भाजपा को आदिवासी (TRIBALS) क्षेत्रों से बड़ा समर्थन मिला था और जंगलमहल की सभी साथ में उत्तरी बंगाल की 6 विधानसभा सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी. हालांकि 2021 के विधानसभा क्षेत्र में टीएमसी वापसी करने में सफल रही… तब उसने जंगलमहल जिले में जीत दर्ज की थी. ऐसे में ममता कोई भी गलती करना नहीं चाहती थी इसलिये उन्होंने राष्ट्रपति के अपमान पर माफी मांग कर आदिवासियों की नाराजगी से बचने की कोशिश की है. है !

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