RABG LIVE DESK: नावकोठी (बेगूसराय) प्रखण्ड क्षेत्र अन्तर्गत नावकोठी और समसा में मां महागौरी की श्रृद्धा और विधि विधान पूर्वक पूजा की गयी। शनिवार 9 अप्रैल को चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को आठवीं शक्ति यानि महागौरी की रात 1 बजकर 23 मिनट पर पूजा अर्चना की गयी। इनका रंग पूर्णतः गोरा होने के कारण इन्हें महागौरी या श्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है । इनके रंग की उपमा शंख, चन्द्र देव और कन्द के फूल से की जाती है ।
मां शैलपुत्री की तरह वाहन बैल होने के कारण इन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है।इनका ऊपरी दाहिना हाथ अभय मुद्रा में, निचले हाथ में त्रिशूल, ऊपर वाले बांये हाथ में डमरू जबकि नीचे वाला हाथ शान्त मुद्रा में है । मां का प्रिय फूल रात रानी है। भक्तों ने मां के आगे दीप, फल, फूल, प्रसाद का अर्पण किया। इस अवसर पर महाअष्टमी के दिन देवी दुर्गा के महागौरी के निमित्त उपवास किया। गया जाता है।देवी मां की पूजा – अर्चना के साथ ही कुमारियों और ब्राह्मणों को भोजन कराया गया। विशेष रूप से कुमारियों को घर पर आदर सहित बुलाकर उनके हाथ-पैर धुलवाकर, उन्हें आसन पर बिठाकर भोजन कराया गया। भक्तों ने भोजन कराने के बाद कुमारियों को दक्षिणा देकर, उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। धर्मशास्त्र के अनुसार इससे देवी मां बहुत प्रसन्न होती हैं और मन की सारी मुरादें पूरी करती हैं।भक्तों ने मां का प्रिय मंत्र “सर्वमङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोsस्तुते” का पाठ कर अन्न, धन, अमन चैन और सुख समृद्धि की कामना की।/नावकोठी से नवीन कुमार मिश्रा की रिपोर्ट।धन्यवाद