गोपालगंज और मोकामा में विधानसभा उपचुनाव संपन्न होने के बाद कुढ़नी में उपचुनाव का बजा बिगुल. जी हां नीतीश के द्वारा उपचुनावों मे प्रचार नहीं करना, चिराग पासवान का भाजपा के समर्थन में उतरना और महागठबंधन में दरार की खबरों के बीच गोपालगंज और मोकामा में उपचुनाव संपन्न हो गया. लेकिन राजनीतिक पार्टियों और जनता को फिलहाल चुनावों से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है क्योंकि चुनाव आयोग के द्वारा कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है. आपको बता दें कि राजद के कुढ़नी विधायक अनिल साहनी का विधानसभा सदस्यता समाप्त होने के बाद अब उप चुनाव कराने के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है. भारत निर्वाचन आयोग ने मुजफ्फरपुर की विधानसभा सीट कुढ़नी के लिए जारी किये गए अधिसूचना के अनुसार यहां पांच दिसंबर को वोटिंग होगी और आठ दिसंबर को वोटों की गिनती होगी.
गौरतलब है कि कुढ़नी के पूर्व विधायक अनिल सहनी पर आरोप है कि पद पर रहते हुए उन्होंने बिना कोई यात्रा किए जाली ई-टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास के माध्यम से 23 लाख 71 हजार रुपये की धोखाधड़ी की थी. सीबीआइ ने इस मामले में मनी लाउंड्रिंग एक्ट, धोखाधड़ी, सरकारी पद के दुरुपयोग की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. हालांकि पूर्व विधायक अनिल सहनी ने प्रेस वार्ता आयोजित कर सीबीआई को खुली चुनौती दी. उन्होंने कहा कि यदि सीबीआई साफ कर देती है कि घोटाले की राशि मेरे पास है तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा. उन्होंने केंद्र सरकार व सीबीआई पर साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया और कहा कि गरीबों की आवाज उठाने के कारण मुझे फंसाया गया है. वैसे अनिल सहनी चाहें जो भी कहें पर कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो गई है. ऐसे में महागठबंधन और NDA के बीच एक बार फिर घमासान देखने को मिल सकता है. वहीं इस उपचुनाव में भी लोगों की नजरें चिराग पासवान और असदुद्दीन ओवैसी पर रहेगी. दरअसल गोपालगंज में जहां ओवैसी की एंट्री से महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ गई तो चिराग पासवान के द्वारा मोकामा और गोपालगंज में भाजपा के पक्ष में प्रचार करने से पार्टी को काफी ज्यादा लाभ हुआ. ऐसे में यह भी देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस उपचुनाव में भी ओवैसी की पार्टी चुनाव में उतरती है और क्या चिराग पासवान एक बार फिर एनडीए के पक्ष में प्रचार करते नजर आते हैं या नहीं.