INTERNATIONAL WOMENS DAY: 2022 हेल्थी और एक्टिव बने रहने के लिए उम्र के हिसाब से खान पान में बदलाव बहुत जरुरी है||

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एशियन हॉकी चैंपियन ट्रॉफी (महिला) के सफल आयोजन हेतु संपूर्ण क्षेत्रों में विधि-व्यवस्था एवं सौन्दर्यीकरण कार्य की पूर्व तैयारी हेतु संबंधित पदाधिकारियों के साथ...

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RABG LIVE DESK: PATNA INTERNATIONAL WOMENS DAY: 2022 बेशक उम्र बस एक नंबर है लेकिन अगर आप 60 की उम्र में भी खुद को फिट और एक्टिव रखना चाहती हैं तो भोजन में पोषक तत्वों की मात्रा पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है हमारे शरीर में पोषक तत्वों की मात्रा कम होने लगती है जिसकी वजह से अर्थराइटिस, हाई बीपी और भी दूसरी हेल्थ एंड ब्यूटी से जुड़ी समस्याएं परेशान करने लगती हैं। टीनएजर में एकबारगी मीठी, मसालेदार और जंक फूड्स का सेवन चल सकता है लेकिन बढ़ती उम्र में बिल्कुल नहीं। तो आज अपने इस लेख में हम एक्सपर्ट से यही जानने वाले हैं कि उम्र के अनुसार कैसा होना चाहिए आपका खानपान।


20 से 40 उम्र के महिलाओ के खानपान: पीरियड (menstruation cycle) के दौरान महिलाओं को बदन दर्द, शरीर में ऐंठन, मूड स्विंग्स और भूख न लगना जैसी न जाने कितनी ही समस्याएं झेलनी पड़ती हैं। लेकिन आप जानते हैं कि ये सभी समस्याएं कहीं न कहीं आपके गलत खानपान की वजह से भी होती हैं। जानिए पीरियड के दौरान क्या खाएं और क्या नहीं


पीरियड (Menstruation cycle) के दौरान महिलाओं को बेवजह थकान, मूड स्विंग्स, क्रैम्प्स, चिड़चिड़ापन जैसी तमाम समस्याएं झेलनी पड़ती हैं। आमतौर पर महिलाओं को एक माह में ही पीरियड आते हैं लेकिन कभी- कभी एक दो-तीन आगे या पीछे भी हो सकते हैं। कभी-कभी मेंसुरेशन साइकिल में महिलाओं को काफी तकलीफ झेलनी पड़ती है जिसका सीधा असर सेहत पर होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं इन समस्याओं का आपके खान-पान से भी कनेक्शन होता है।
केला में पोटेशियम होता है जो आपके मल त्याग को नियंत्रित करने में मदद करता है और इससे मूड भी अच्छा रहता है। केला पोटेशियम और मैग्नीशियम का भी एक स्रोत हैं। केले को पचाना आसान होता हैं और इसमें फाइबर हाई मात्रा में होता है जो पीरियड्स के दौरान अनुभव किए जाने वाले किसी भी पाचन संबंधी असुविधा को कम करने में मदद करता है।
दही में कैल्सियम होता है और यह आपकी मांसपेशियों को आराम देने में मदद करता है जो बदले में दर्दनाक मासिक धर्म ऐंठन को कम करने में प्रभावी हो सकता है।
डार्क चॉक्लेट में एंटी ऑक्सीडेंट्स और मैग्नीशियम होता है जो मूड स्विंग को कम करता है और सेरोटोनिन (हैप्पी हार्मोन) को रिलीज करता है।
पानी आपके द्वारा खोए गए सभी तरल पदार्थों को वापस पाने का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है, जिससे आप फिर से हाइड्रेटेड और तरोताजा महसूस कर सकते हैं। वहीं अगर आपको पीरियड्स के दर्द से छुटकारा पाना है तो एक एलोवेरा जूस में एक चम्मच एक चम्मच शहद और पानी मिलाकर पी सकते हैं।

40 से 60 उम्र के महिलाओ के खानपान: 40 से 60 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं का शरीर कमजोर होने लगता है। मेनोपॉज की वजह से जब मेटाबोलिज्‍म धीमा पड़ जाता है, तब आप इस प्रकार की डायट लेकर फायदा उठा सकती हैं। इस उम्र में स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार को बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। हालांकि आहार के कई विकल्प हैं लेकिन सभी सेहत के लिए फायदेमंद नहीं हैं। आइए जानते हैं 50 की उम्र के बाद महिलाओं को कौन सी 5 डाइट लेनी चाहिए।
यह डाइट विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने और वजन को नियंत्रित रखने के लिए बेहतर मानी जाती है। मेडिटेरेनियन डाइट में मछली, फल, सब्जियां, साबुत अनाज, फलियां और जैतून का तेल शामिल है। डेयरी उत्पादों का सेवन मध्यम मात्रा में किया जाता है और मांस को हफ्ते में एक बार आहार में शामिल किया जाता है। आहार में एक तिहाई वसा होती है, जिसमें संतृप्त वसा कुल कैलोरी सेवन के 8 प्रतिशत से अधिक नहीं होती है।

स्टडी के अनुसार यह डाइट न केवल उम्र को बढ़ाती है बल्कि टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोगों के जोखिम को कम करती है। मेडिटेरेनियन डाइट स्पेन, फ्रांस, ग्रीस और इटली जैसे भूमध्य देशों के पारंपरिक खाने के पैटर्न पर आधारित है।

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