RABG LIVE NEWS DESK: मध्य विद्यालय चिकसिल में मध्यान भोजन का चावल बेचने के मामले में प्रधानाध्यापक पर अधिकारी मेहरबान,
चावल बेचने वाले प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई के बदले बनाया गया मध्य विद्यालय तेनुअज का प्रधानाध्यापक
अधिकारियों की मिली भगत से मामले का किया गया लीपा पोती
रिपोर्ट:- धर्मेन्द्र कुमार सिंह कुमार सिंह \ बिक्रमगंज/रोहतास। रोहतास जिले का काराकाट प्रखंड काफी दिनों से अपने नए-नए कारनामों से काफी सुर्खियां बटोर रहा है। ताजा मामला काराकाट प्रखंड क्षेत्र के संकुल संसाधन केंद्र मध्य विद्यालय चिकिसील का है। जहां विद्यालय के प्रधानाध्यापक मुनीर आलम के द्वारा दिन में सरेआम बाइक सवार को मध्यान भोजन का चावल बेचने से संबंधित सोशल मीडिया पर काफी तेजी से चावल बेचने का वीडियो और फोटो वायरल होने लगा जिसको लेकर काफी दिनों तक संकुल संसाधन केंद्र मध्य विद्यालय चिकसिल काराकाट प्रखंड ही नहीं बल्कि पूरे जिले में एक अलग अंदाज में अपना सुर्खियां बटोरता रहा। आपको बता दे की जब सोशल मीडिया पर चावल बेचने का वीडियो और फोटो तेजी से वायरल होना शुरू किया तो जिले के अधिकारियों की नींद खुली और प्रधानाध्यापक मुनीर आलम की करतूत देख उनके होश उड़ गए।
शिक्षा विभाग के जिला के वरीय पदाधिकारी विभाग की प्रतिष्ठा को बचाने के उद्देश्य से चावल बेचने वाले प्रधानाध्यापक मुनीर आलम पर एक स्पष्टीकरण व एमडीएम प्रभारी के द्वारा स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज करते हुए मात्र खानापूर्ति ही किया गया। जबकि चावल बेचने से संबंधित पर्याप्त साक्ष्य रहते हुए भी प्रखंड व जिले के पदाधिकारी के द्वारा आज तक ऐसे भ्रष्ट प्रधानाध्यापक को तत्काल प्रभाव से निलंबित नही किया गया। बल्कि जिले के वरीय पदाधिकारियों की मेहरबानी से प्रधानाध्यापक मुनीर आलम को काराकाट प्रखंड के चिकसिल से हटाते हुए दिनारा प्रखंड के मध्य विद्यालय तेनुअज का प्रधानाध्यापक भी बना दिया गया।
जो लोगों के बीच काफी चर्चा का विषय बना हुआ है की ऐसे भ्रष्ट पदाधिकारी पर आज तक कार्रवाई क्यों नहीं किया गया। आखिर शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारी कार्रवाई करने से क्यों परहेज कर रहे हैं अब किस बात का इंतजार कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने स्पष्ट रूप से जिले के वरीय पदाधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कहीं ना कहीं इस भ्रष्ट प्रधानाध्यापक मुनीर आलम को संरक्षण देने में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कलामुद्दीन व जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार का हाथ होना प्रतीत होता है।
लोगों के मन मे सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि मध्य विद्यालय चिकित्सा के प्रधानाध्यापक मुनीर आलम शिक्षा विभाग के पदाधिकारी को चुनौती देते हुए दिन दहाड़े मध्यान भोजन का चावल बेच रहे थे। जिसका सोशल मीडिया पर वीडियो और फोटो भी काफी तेजी से वायरल हुआ। तो फिर ऐसे भ्रष्ट प्रधानाध्यापक पर आज तक कार्रवाई क्यों नहीं हुआ। जिसको लेकर स्थानीय गांव के लोगों में काफी रोष व्याप्त है। इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कलामुद्दीन अंसारी के मोबाइल पर लगातार संपर्क किया गया तो उन्होंने मोबाइल रिसीव करना भी मुनासिब नहीं समझा। जबकि काराकाट बीआरसी में नव पदस्थापित वीपीएम नवीन कुमार ने बताया कि जांच के क्रम में मध्य विद्यालय चिकसिल से दो शिक्षक इशरत व हीरा साह अपना उपस्थिति दर्ज कर बगैर सूचना के विद्यालय से गायब पाए गए थे जिससे प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कलामुद्दीन अंसारी बेखबर है।
विद्यालय के मध्यान भोजन का चावल बेचना बहुत ही बड़ा अपराध है। ऐसे भ्रष्ट प्रधानाध्यापक पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होना चाहिए था जो आज तक नही हुआ। कार्रवाई नहीं होना कहीं ना कहीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कलामुद्दीन अंसारी व जिले में बैठे हुए शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारी की मिली भगत होने से इनकार नही किया जा सकता है। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कलामुद्दीन अंसारी व जिला में बैठे हुए शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारी के द्वारा आर्थिक लाभ लेकर मामले को पूर्ण रूप से से लीपा-पोती कर दिया गया है। आखिर ऐसे भ्रष्ट पदाधिकारी पर तत्कालीन जिला पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार के द्वारा उचित कार्रवाई क्यों नहीं किया गया। इस पदाधिकारी का भी इस मामले में संलिप्तता होने से इंकार नही किया जा सकता है जो कहीं ना कहीं से जांच का विषय है अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जिले में ईमानदार व स्वच्छ छवि वाले नव पदस्थापित जिलाधिकारी नवीन कुमार के द्वारा इस मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए उचित कार्रवाई किया जाता है या फिर इनके द्वारा भी लीपापोती करने का कार्य किया जाता है।