RABG LIVE DESK: नावकोठी (बेगूसराय) प्रखण्ड क्षेत्र अन्तर्गत नावकोठी फिल्ड और समसा में श्रद्धालुओं ने सिद्धिदात्री माता की श्रृद्धा पूर्वक पूजा अर्चना की।
चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि को मां सिद्धिदात्री की पूजा की गयी। मान्यता है कि मां ने पृथ्वी को असुरों के अत्याचार से मुक्ति दिलाने के लिए अवतार लिया था। कहा जाता है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं। मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही भगवान शंकर का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसके चलते इन्हें अर्द्धनारीश्वर भी कहा जाता है।भक्तों ने मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि विधान पूर्वक कर पुष्प, नैवेध के रूप में मिष्ठान, पंचामृत और पकवान का भोग लगाया और हवन किया गया।
उसके बाद कन्या पूजन भी किया गया। सिद्धिदात्री को अणिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, महिमा, ईशित्व, वाशित्व, सर्वकामावसायिता, सर्वज्ञत्व, दूरश्रवण, परकायप्रवेशन, वाक्सिद्धि, कल्पवृक्षत्व, सृष्टि, संहारकरणसामर्थ्य, अमरत्व, सर्वन्यायकत्व, भावना और सिद्धि नाम से भी पुकारा जाता है। मां कमल पुष्प पर आसीन हैं। इनका वाहन सिंह है। मान्यता है कि मां की आराधना करने से व्यक्ति की लौकिक, पारलौकिक और हर तरह की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
मां अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं। इसके अलावा मां की सच्चे मन से अराधना करने पर अणिमा, लधिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, महिमा, ईशित्व, सर्वकामावसायिता, दूर श्रवण, परकामा प्रवेश, वाकसिद्ध, अमरत्व भावना सिद्धि आदि समस्त सिद्धियों नव निधियों की प्राप्ति हो जाती है। कोरोना को लेकर कई वर्षों से मेला पर प्रतिबंध था जो इस बार भारी भीड़ के रूप में देखा जा रहा है। झूले, मीना बाजार, श्रृंगार की की दुकान तथा मिठाइयों की दुकानों से मेला क्षेत्र दर्शनीय लग रहा है।रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।/नावकोठी से नवीन कुमार मिश्रा की रिपोर्ट।