RABG LIVE DESK : खबर बिहार से आ रही है आपको बता दे की कहते है मोहब्बत और जंग में सब कुछ जायज़ है. कुछ इसी तरह आज एक बार फिर से बातो को दोहराई गई है. बता दे कि आज अपने मोहब्बत से मिलने के लिए लड़की सात समुन्दर पार करके पहुंच गई है. जहा जर्मनी की शोध छात्रा लारिसा बैल्ज ने अपने प्रेमी बिहारी सत्येंद्र कुमार से मिलने बिहार पहुंच गई और फिर उसने पूरी हिन्दू रीती रिवाज़ के साथ दोनों ने सात फेरे भी लिए| लड़का नवादा जिले के नरहट प्रखंड के बेरोटा के निवासी है।जबकि उनकी पत्नी बनी लारिसा जो कि जर्मन हैं। वह दोनों स्वीडन में साथ – साथ शोध करते थे।
लारीसा को न तो हिंदी आती है और ना ही वह विधि – विधान जानती हैं। लेकिन जब विवाह समारोह शुरू हुआ तो उसने वह सारी रस्में बहुत ही बेखुबी से निभाई जो एक हिंदू लड़की पुरे रीती रिवाज़ से करती है ठीक उसी तरह वह भी की। सबसे पहले उसने हल्दी का उबटन लगाया ,फिर पानी ग्रहण से लेकर वर पूजन तक सब रस्में हुई । सिंदूरदान के बाद लारिसा बैल्ज सुहागन बन गई।
उनकी प्रेम कहानी की बात करे तो लारिसा ने बताया कि हम दोनों 2019 से प्यार में है और तीन साल बाद इंडिया आकर यहीं शादी करने का भी प्लान वह दोनों ने बनाया। साथ ही साथ उन्होंने यह भी बताया की वो यहां की लाइफ एन्जॉय करने आई है। उन्हें यहां के लोग बहुत अच्छे लगते हैं। यहां के कल्चर और मेरे कल्चर में काफी अंतर है। लेकिन प्यार एक ऐसा चीज़ है जो सबकुछ बदल देता है . उसने यह भी कहा की मै भाषा नहीं समझ सकती बस कुछ हो शब्द समझ पाती हूं लेकिन मेरे हस्बैंड ( पति ) ट्रांसलेट करके समझाने की कोशिश करते हैं ।
बिहारी सत्येंद्र ने बताया कि वे कैंसर पर शोध करने के लिए स्वीडन गए थे। हम वहां स्किन कैंसर पर शोध कर रहे थे। जबकि लारिसा बेंज प्रोस्टेट कैंसर पर रिसर्च कर रही थी ।तभी इसी दौरान वह दोनों 2019 में करीब आए। और फिर दोनों के बीच बाते शुरू हुई और फिर प्यार हो गया। और अब हम दोनों ने मिल कर शादी कर के जन्मो जमांतर तक एक दूजे के हो गए है |