RABG LIVE DESK: रिपोर्ट:- धर्मेन्द्र कुमार सिंह/बिक्रमगंज/रोहतास। स्थानीय शहर के अनुमंडलीय अस्पताल धनगाई में शुक्रवार को सेविकाओं को फाइलेरिया के सम्बंध में प्रशिक्षण दिया गया।
इस सम्बंध में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य प्रबंधक अशोक कुमार ने बताया कि फाइलेरिया एक ऐसी भयानक बीमारी है जो किसी भी मनुष्य को अपने आगोश में लेकर उसे विकलांग व बदसूरत बना देती है। फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो दीर्घकालीन विकलांगता में यह बीमारी पूरे बिहार में दूसरे स्थान पर है।
यह बीमारी वुचरेरिया बैंक्रॉफ्टी नामक मच्छर के काटने से होता है। इस बीमारी का संक्रमण आम तौर पर बचपन मे ही हो जाता है। लिम्फेटिक फाइलेरिया को आम तौर पर हाथीपाव के नाम से जाना जाता है। इस बीमारी के संक्रमण के बाद 5 वर्षो से 15 वर्षो के अंदर मनुष्यो में हाथीपांव, हाइड्रोसिल, कैलयुरिया, तथा महिलाओ के स्तन में सूजन दिखाई देने लगता है।
इस अभियान को मिटाने के लिए
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की शुरूआत 7 जुलाई से होगा जो 21 जुलाई को समाप्त होगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए बिक्रमगंज प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में 65 टीम बनाए गए है जिसका मॉनिटरिंग 6 सुपरवाइजर रेणू देवी, कविता कुमारी, उषा कुमारी, संध्या देवी, चन्द्रकला देवी और गीता देवी के द्वारा किया जाएगा।
ठीक उसी प्रकार से शहरी इलाके के कुल 27 वार्डो में 24 टीम बनाया गया है, जिसका मॉनिटरिंग 2 सुपरवाइजर चिंटू कुमार सिंह और मोहम्मद रिजवान के द्वारा किया जाएगा। इस अभियान के तहत टीम के सदस्यों के द्वारा डोर टू डोर जाकर 2 साल से 5 साल तक के बच्चों को डीसीए का 1 गोली और एल्बेंडाजोल का एक गोली, 6 वर्ष से 14 वर्ष के बच्चों को डीसीए का 2 गोली और एल्बेंडाजोल का 1 गोली तथा 15 वर्ष के ऊपर के लोगो को डीसीए का 3 गोली और एल्बेंडाजोल का 1 गोली टीम का सदस्य अपने सामने खिलाएंगे और इस संक्रमण को हमेशा हमेशा के लिए दूर भगाने का कार्य करेंगे।
प्रशिक्षक के रूप में अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ0 ओमप्रकाश, स्वास्थ्य प्रबन्धक अशोक कुमार, बीसीएम पूनम मेहता, संतोष सिन्हा, राजेश रंजन, केयर इंडिया के अनुज कुमार,
प्रशिक्षण लेने वाली सेविकाओ में कुमारी निशा, फरीदा जलाल, तब्बसुम खानम, नाज प्रवीण, सोनझारी देवी, संजू कुमारी, जहान आरा, मदीना खातून, सावित्री देवी, निर्मला देवी, गीता देवी, मनी देवी, सुधा देवी, पूनम कुमारी, शांति देवी, लक्ष्मीना देवी, टुन्ना देवी, गीता कुमारी, प्रमिला देवी के अलावे अन्य सेविकाएँ मौजूद थी।