छात्र-केंद्रित शिक्षण एवं मूल्यांकन पद्धति अपनाएँ

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RABG LIVE DESK:  दिनांक 01 अप्रैल 2022 राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में शिक्षकों को परंपरागत शिक्षा पद्धति से आगे बढ़कर कुछ बदलाव करने की जरूरत है। शिक्षक की शिक्षण पद्धति, आकर्षक व्यक्तित्व, व्यवहार एवं उनके सम्प्रेषण का माध्यम अच्छा हो जिससे छात्रों पर सकारात्क प्रभाव पड़े। उक्त बातें मुख्य अतिथि सह विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सहसचिवhttp://पीएम मोदी को धमकी: 20 किलो RDX से उड़ाने का मिला https://rabglive.com/pm-modi-ko-dhamki/ प्रो0 विद्या चौधरी ने वरिष्ठ माध्यमिक सरस्वती विद्या मंदिर, मुंगेर में भारती शिक्षा समिति, बिहार के तत्त्वावधान में आयोजित त्रिदिवसीय आचार्य कार्यशाला के दूसरे दिन उपस्थित आचार्यों को संबोधित करते हुए कहा।


आगे उन्होनें कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षक के वार्षिक मूल्यांकन का आधार छात्रों द्वारा समर्पित पूरे सत्र में कुल बारह फीडबैक होंगे जिससे संबंधित विषयाचार्य के व्यक्तिगत पोर्टफोलियो पर विद्यालय प्रबंधन उचित ढ़ंग से निर्णय पत्रक में समाहित करने के बाद ही संबंधित शिक्षक का वार्षिक वृद्धि निर्धारित किया जाएगा। शिक्षक को स्वयं इस नई चुनौती के लिए तैयार होने की जरूरत है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक देवेन्द्र कुमार ने कहा कि एक शिक्षक का धर्म और कर्म राष्ट्रहित के लिए काम करना है। भारत की सभ्यता एवं संस्कृति के संरक्षण का माध्यम शिक्षा ही है जो शिक्षक के माध्यम से ही संभव हो सकता है। संस्कार आधारित शिक्षा चाणक्य जैसे आचार्य के माध्यम से संभव होगा तभी भारत माता परम वैभव के लक्ष्य को प्राप्त कर पायेगी।

इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ वंदना सभा में मुख्य अतिथि विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सहसचिव प्रो0 विद्या चौधरी, सचिव सरोज कुमारी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक देवेन्द्र कुमार, प्रधानाचार्य संजय कुमार सिंह, बालिका खंड की प्रधानाचार्या कीर्ति रश्मि ने संयुक्तरुप से दीप प्रज्वलित कर किया।

छात्र-केंद्रित शिक्षण एवं मूल्यांकन पद्धति अपनाएँ

प्रधानाचार्य संजय कुमार सिंह ने आगंतुक अतिथियों का स्वागत एवं परिचय कराते हुए कहा कि कार्यशाला के आयोजन के माध्यम से शिक्षक अपने विषय को श्रेष्ठ बनाने एवं भैया-बहनों के साथ-साथ स्वयं का विकास करने पर चिंतन करेंगे जिससे सबका विकास हो।
द्वितीय सत्र में समूह सह बैठक विषयाचार्यों की हुई जिसमें अलग-अलग समूहों में आगामी सत्र के आंतरिक मूल्यांकन पर चर्चा कर निर्णय लिए गए।

तृतीय एवं चतुर्थ सत्र में विद्या भारती के आधारभूत विषयों के क्रियान्वयन तथा अभिभावक संपर्क, वार्षिकोत्सव, रंगमंचीय एवं शारीरिक कार्यक्रमों एवं विज्ञान मेला पर चर्चा बालिका खंड की प्रधानाचार्या कीर्ति रश्मि के द्वारा हुई।

मातृ भारती का गठन, मातृ-सम्मेलन, बालिका शिक्षा के क्रियान्वयन की योजना आचार्या रजनी सिन्हा द्वारा रखी गई वहीं आचार्य नवनीत चन्द्र मोहन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन पर अपने विचार रखा।
आभार ज्ञापन उपप्रधानाचार्य उज्ज्वल किशोर सिन्हा के द्वारा किया गया वहीं कार्यक्रम का संचालन आचार्या पाणिनी मिश्रा के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर विद्यालय के समस्त आचार्य उपस्थित थे।

 

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