RABG LIVE NEWS DESK: राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की समीक्षा याचिका. जैसा की हम जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 नवंबर को राजीव गांधी हत्या मामले में छह दोषियों एस. नलिनी, जयकुमार, आरपी रविचंद्रन, रॉबर्ट पियास, सुथेंद्रराजा और श्रीहरन की समय पूर्व रिहाई का निर्देश दिया था. कोर्ट का कहना था कि दोषी 30 साल से ज्यादा समय तक जेल में रहे हैं और सजा के दौरान उनका बर्ताव ठीक था. सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए 18 मई 2022 को भी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था.
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में पेरारिवलन भी 30 साल से अधिक की सजा काट चुका था. लेकिन कांग्रेस की आलोचनाओं के बीच केंद्र सरकार ने राजीव गांधी के छह हत्यारों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दरअसल राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई पर कांग्रेस ने कहा था- ये मंजूर नहीं है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते वक्त देश की भावनाओं को ध्यान में नहीं रखा और यह फैसला गलतियों से भरा हुआ है. दूसरी ओर राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा किए जाने के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री MK स्टालिन ने कहा था कि मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं.
वैसे केंद्र इन छह हत्यारों की समय पूर्व रिहाई के सर्वोच्च अदालत के फैसले की समीक्षा कराना चाहता है. केंद्र सरकार ने कहा कि, पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या करने के दोषियों की, समय पूर्व रिहाई के आदेश में, इस मामले से जुड़े अन्य पक्षों को सुने बिना ही सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. सरकार ने न्यायिक प्रक्रिया संबंधी खामी को उजागर करते हुए कहा कि इस मामले का आवश्यक पक्ष होने के बावजूद उसे अपनी बात कहने का कोई उपयुक्त अवसर नहीं दिया गया. केंद्र ने कहा कि दोषियों ने सजा पर पुनर्विचार करने की याचिका के समय केंद्र सरकार को पक्षकार नहीं बनाया इसीलिए इस मामले से जुड़े अहम सुबूत और पहलू सामने आने से रह गए.
केंद्र ने कहा कि अगर ऐसा किया गया होता तो इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट से एकदम सटीक और उपयुक्त फैसला आता. केंद्र के पेटीशन के मुताबिक- देश के कानून के तहत दोषी ठहराए गए दूसरे देश के आतंकवादी को छूट देने का इंटरनेशनल इफेक्ट होगा… इसलिए यह मामला भारत सरकार के तहत आता है. लिहाजा, इतने गंभीर मामले में भारत सरकार का पक्ष जानना बेहद जरूरी था. सरकार ने कहा कि इस मामले का असर देश के Law and order के साथ ही जस्टिस सिस्टम पर भी होगा. बता दें कि रिहा किए गए दोषियों में 2 श्रीलंकाई नागरिक हैं. इस तरह राजीव गांधी के हत्या के दोषियों की रिहाई से केंद्र खुश नहीं है. अब देखना यह है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के तरफ से क्या फैसला आता है