गायत्री मंत्र जप से शरीर शुद्ध और शांति को प्राप्त करता है

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RABG LIVE DESK: नावकोठी (बेगूसराय)/51 कुंडीय गायत्री यज्ञ ढूना सिंह कॉलेज,पहसारा के संध्याकालीन कार्यक्रम अंतर्गत शांतिकुंज से आए हुए प्रज्ञा पुत्र श्री विनायक केसरी जी के द्वारा गायत्री और यज्ञ के संबंध में वैज्ञानिक व्याख्या किया गया। उन्होंने कहा कोई व्यक्ति यदि गायत्री मंत्र का जप नियमित रूप और सात्विक भाव के साथ 3 महीना तक करें तो उसके थॉट प्रोसेस में चेंजिंग आएगा। उस व्यक्ति के अंतर्गत अच्छे विचारों का उदय होगा और सत्कर्म करने के लिए आगे बढ़ेगा।

वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया यदि कोई विद्यार्थी नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जप करें तो उसका बुद्धि तीक्ष्ण हो जाता है। गायत्री मंत्र के जप से शरीर के अंदर 24 ग्रंथियों में वाइब्रेशन होता है जो मस्तिष्क में पहुंचता है और मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि बाजार में शांति के लिए कोई टेबलेट उपलब्ध नहीं है। बताया कि गायत्री मंत्र के जप से 110000 कंपन प्रति सेकंड उत्पन्न होता है जो व्यक्ति के चारों ओर उपलब्ध दुष्ट प्रवृत्ति वाले तरंगों को समाप्त कर देता है और व्यक्ति स्वतः देवत्व से जुड़ने लगता है।

रिसर्च में बताया गया कि गायत्री मंत्र के जप से मनुष्य के अंतःकरण में 24 शक्तियों का उदय होता है। सबों को भेदभाव मिटाकर गायत्री मंत्र का जप नियमित रूप से करना चाहिए। आज के युग के युग ऋषि श्रीराम शर्मा जी के द्वारा लगातार 24 वर्ष तक जौ की रोटी और छाछ खाकर तप करने के पश्चात उन्होंने गायत्री मंत्र को सबके लिए सुलभ बनाया। तत्पश्चात गायत्री मंत्र की दीक्षा देना प्रारंभ किए। दीक्षा का अर्थ होता है अपनी इच्छा का गुरु के प्रति समर्पण। दूसरी बात यह भी है कि जब किसी गुरु से आप दीक्षा लेते हैं तो पावर केंद्र से जुड़ने के समान होता है और आप में शक्ति का प्रवाह निरंतर होते रहता है।

संस्कार पद्धति का चर्चा करते हुए मीणा केसरी जी ने लोगों को बताया कि आप दीक्षा के माध्यम से गुरु से जुड़ सकते हैं। वहीं विभिन्न प्रकार के संस्कारों का महत्ता बताते हुए कहा कि संस्कार प्रक्रिया अनगढ़ से शुगढ बनाने की कला है। भारतीय संस्कृति में गर्भ से ही बच्चों को ज्ञान देने की परंपरा है, अतः सभी श्रद्धालु यज्ञ के समय संस्कार कार्यक्रम में भाग ले। इस अवसर पर पूर्व विधायक श्री कृष्ण सिंह उपस्थित थे ।कार्यक्रम का उद्घाटन प्रखंड प्रमुख नावकोठी अनीता देवी के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शिवम वत्स अपने टीम के साथ पूरे समर्पण योग का परिचय देते हुए अपना योगदान दिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में देवपुरा से आए हुए गायत्री साधक श्री राधा कांत महतो ने गुरु वंदना एवं गायत्री वंदना का गायन किया।

आसपास के गायत्री साधक भी इस अवसर पर भरपूर सहयोग हर्षवर्धन कुमार भी करते रहे इसमें सरपंच नूतन देवी सुमन जी, रामजतन , मनोज , हरेराम नारायण पासवान, पुरुषोत्तम जैसवाल, प्रखंड युवा संयोजक आशीष कुमार , प्रमानंद, मणि भूषण सिंह, रमाशीष, मुकेश, रजनीश, नवनीत,मंचन, इन्द्रजीत सिंह मौजूद थे।

 

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