उत्तर प्रदेश: ऐसा माना जाता है कि अगर यूपी में चुनाव जीतना है तो अच्छी सोशल इंजीनियरिंग होनी जरूरी है. मतलब ज्यादा से ज्यादा जातियों के लोगों को अपने पाले में लाना होगा. सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान करना भी शुरू कर दिया है. जिसमें जाति के गणित का खास ध्यान रखा जा रहा है.
बीजेपी , BSP , सपा, कांग्रेस और आरएलडी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. सभी राजनीतिक पार्टियों की लिस्ट में उम्मीदवारों की जाति का खास ख्याल रखा गया है. बीजेपी ने 63 विधायकों को फिर से मौका दिया गया है,
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जबकि 20 विधायकों का टिकट काटा है. वहीं 21 नए चेहरों को बीजेपी ने टिकट दिया है. बीजेपी ने सोशल इंजीनियरिंग को ध्यान में रखते हुए टिकट बांटे हैं. बीजेपी ने 68 प्रतिशत सीटें ओबीसी, एससी और महिलाओं को दी हैं. बीजेपी ने ओबीसी को 44, एससी को 19 और महिलाओं को 10 को टिकट दिए हैं.
सपा और आरएलडी ने अब तक 36 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है. आरएलडी ने 26 तो सपा ने 10 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है. इसमें जाटों और मुस्लिमों का खास ख्याल रखा गया है.
आरएलडी ने थाना भवन से अशरफ अली, बुढ़ाना से राजपाल बालियान, मीरापुर से चंदन चौहान, मुरादनगर से सुरेन्द्र कुमार मुन्नी, शिकारपुर से किरनपाल सिंह, बरौली से प्रमोद गौड़ और इगलास से वीरपाल सिंह दिवाकर को टिकट दिया है.
इसी क्रम में 28 जनवरी को बसपा ने 53 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में 15 मुस्लिम, 14 अनुसूचित जाति, 11 ओबीसी और 13 सवर्ण नेताओं को टिकट दिया गया है। इनमें 6 महिला प्रत्याशी भी शामिल हैं। इसके अलावा बसपा लगातार कई जगह से प्रत्याशी बदल भी रही है।
शुक्रवार को ऐसे ही बसपा ने फिरोजाबाद और सिरसागंज से प्रत्याशी बदल दिए। फिरोजाबाद से बबलू कुमार राठौर को प्रत्याशी बनाया गया था लेकिन अब उनकी जगह साजिया खान कैंडीडेट घोषित हुई हैं। इसी तरह से सिरसागंज से डॉ राघवेंद्र सिंह की जगह पंकज मिश्र को टिकट दिया गया है।