RABG LIVE NEWS DESK: बिहार की शिक्षा व्यवस्था: ना कोई चिट्ठी, ना कोई संदेश सर जी कहा तुम चले गए..?
मध्य विद्यालय चिकसिल में उपस्थिति दर्ज कर बगैर सूचना विद्यालय से गायब रहते है शिक्षक ।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी जांच के नाम पर अवैध वसूली करने में रहते है मशगूल
रिपोर्ट:- धर्मेन्द्र कुमार सिंह \ बिक्रमगंज/रोहतास। रोहतास जिले के सरकारी स्कूलों शिक्षा विभाग के अवर सचिव के0 के0 पाठक के आदेशों की जमकर उड़ायी जा रही है धज्जियां। इन दिनों काराकाट प्रखंड में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मोहम्मद कलामुद्दीन अंसारी की मेहरबानी से शिक्षा ब्यवस्था दिन प्रतिदिन पूरी तरह से बदहाल होते जा रही है। बच्चों की कम उपस्थिति तो होती ही है, आज कल शिक्षक भी उपस्थिति दर्ज कर बिना किसी सूचना के विद्यालय से लगातार गायब रहते हैं, लेकिन इसका प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मोहम्मद कलामुद्दीन अंसारी पर कोई असर नही है व पूरी तरह से बेखबर है।
ताजा मामला काराकाट प्रखंड क्षेत्र के चिकसिल से है जहां विद्यालय में जांच करने गए काराकाट प्रखंड के बी आर सी बीपीएम नवीन कुमार ने विद्यालय का जांच किया, तो जांच में पाया कि विद्यालय के एक शिक्षिका एवं एक शिक्षक उपस्थिति पंजी में अपना उपस्थिति दर्ज कर विद्यालय बगैर किसी सूचना के गायब पाए गए हैं ।
जब काराकाट बीपीएम ने प्रधानाध्यापक मुनीर आलम से पूछा तो अजीबो गरीब जवाब पाया । प्रधानाध्यापक के मुताबिक शिक्षिका एवं शिक्षक लगभग कितने महीना से विद्यालय में उपस्थिति दर्ज कर विद्यालय से बिना बताए चले जाते हैं। प्रधानाध्यापक के मुताबिक उनको जानकारी नहीं दिया जाता है कि किस कारण दोनो जाते है उन्हे कभी इस बात से अवगत नही कराया गया। दोनो शिक्षक एवम शिक्षिका प्रति दिन विद्यालय में उपस्थित पंजी में अपना उपस्थिति दर्ज कर विद्यालय से गायब हो जाते हैं।
इस संबंध में प्रधानाध्यापक ने एक लिखित आवेदन बीपीएम को दिया है जिसमें वह विवरण किया है कि शिक्षिका इशरत एवम शिक्षक हीरा साह दोनों विद्यालय के उपस्थिति पंजी में अपना हाजिरी बना करके विद्यालय से प्रतिदिन चले जाते हैं। वही इस मामले में बीपीएम नवीन कुमार ने बताया कि जांच में दोनों शिक्षक एवं शिक्षिका विद्यालय में अनुपस्थित पाए गए है। इसको लेकर काराकाट बीपीएम ने एक लेटर बना करके वरीय पदाधिकारी को घटना से अवगत करा दिया है । तथा विभागीय प्रक्रिया पूरा कर दोनों दोषियों पर नियमानुकूल कार्रवाई करने की अनुशंसा की है। अपको बता दे कि कुछ दिन पहले भी इस विद्यालय से मामला सामने आया था । जिसमे विद्यालय के प्रधानाध्यापक मुनीर आलम के द्वारा मिड-डे-मील का चावल बेचने का आरोप लगा था। लेकिन अधिकारियों के द्वारा उसे टाल मटोल कर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं किया गया । जिससे आम जनमानस में भारी आक्रोश है। स्थानीय लोगों ने मांग किया कि जो भी दोषी हो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाए । बिहार सरकार के आदेश तथा बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव के0 के0 पाठक के आदेश के बावजूद भी अगर शिक्षक मानने को तैयार नहीं है, तो वरीय अधिकारियों को कानूनी हंटर चलाना होगा तब जाकर शिक्षा में गुणवत्ता दिखाई देगी।