RABG LIVE NEWS DESK: लालू परिवार और घोटालों का चोली और दामन का साथ है. स्थिति यह है कि आये दिन बिहार के लालू परिवार द्वारा किये गये घोटालों की चर्चा होते ही रहती है. एक तरफ लालू यादव जहां घोटालों को लेकर जमानत पर हैं तो दूसरी ओर तेजस्वी यादव भी घोटालों की वजह से जमानत पर हैं. अगर किसी दिन उनका जमानत रद्द हो गया तो फिर लालू यादव और तेजस्वी यादव दोनों सलाखों के पीछे नजर आयेंगे. हालांकि इस वक़्त राजद सत्ता में है इसलिए फिलहाल ऐसी कोई संभावना नजर नहीं आ रही. इस बीच नीतीश-तेजस्वी सरकार एक और घोटाले में फंसती नजर आ रही है. दरअसल राज्य में इस वक़्त नियुक्ति घोटाला को लेकर राजनीतिक चर्चा गरम है.
आपको बता दें कि बिहार में उपमुख्यमंत्री के जन्मदिन के मौके पर पंचायत सचिवों को नियुक्ति पत्र का वितरण किया गया. लेकिन इसकी हकीकत कुछ और ही है, जिसका खुलासा विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने किया है. उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को नौकरी नहीं मिल रही है बल्कि राज्य में नियुक्ति घोटाला हो रहा है. सम्राट चौधरी ने कहा कि पंचायत सचिव की नियुक्ति 15 जुलाई को हुई थी, जिसके बाद इनकी पोस्टिंग भी कर दी गई थी लेकिन मुख्यमंत्री उन्हें फिर से नियुक्ति पत्र दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में मौजूदा सरकार नियुक्ति घोटाला कर रही है. उन्होंने कहा है कि जिन 11 हजार पंचायत सचिवों को नियुक्ति पत्र दी गई है, उसमें केवल 3500 लोगों की ही नियुक्ति पत्र सही है, बाकी बचे हुए लोग बीजेपी के साथ सरकार रहते ही नियुक्त हो चुके थे.
नेता प्रतिपक्ष ने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वे झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि NDA की सरकार में 1 लाख नौकरी देने का काम किया गया है, जिसे आज मौजूदा सरकार अपने नाम पर वाहवाही लूटने में लगी है. इस तरह भाजपा नेता ने बिहार में नियुक्ति घोटाला का आरोप लगाया है. हालांकि भाजपा बेरोजगारों के लिए कितनी संवेदनशील है यह किसी से छिपा नहीं है. पर जनता को झाँसे में लेकर सत्ता हासिल करना सभी राजनीतिक पार्टियों के फितरत में शामिल है फिर चाहें वह भाजपा हो या फिर जदयू या फिर राजद सभी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं पर अगर नीतीश-तेजस्वी सरकार ने सचमुच नियुक्ति घोटाला किया है तो इस धोखे के लिए उन्हें जनता से कभी माफी नहीं मिल सकती .