RABG LIVE NEWS BOLLYWOOD DESK: एक सौ अस्सी करोड़ की लागत से बनी फिल्म लाल सिंह चड्ढा फ्लॉप फिलमों की कतार में पहुची पटना। हिन्दी फ्लिमों के परफेक्सनिस्ट आमीर खान हिनदू संगठनों के विरोध के निशाने पर आ गए है। हिन्दू संगठनों दरा उनका विरोध जगह -जगह किया जा रहा है। हालात यह है कि उनकी बहु प्रतिक्षित फिल्म लाल सिंह चढ्डा फ्लॉप फिल्म के कतार में शामिल होेने की कगार में पहुंच गयी है। इस फिलम को लेकर आमीर खान की बहुत बड़ी अपेक्षा थी लेकिन हुआ इससे इतर। यह अनुमान लगाया जा रहा था कि आमीर की फिल्म लाल सिंह चड्ढा सफलता की नर्इ शिखर को छुयेगी। मगर हिन्दू संगठनों के विरोध ने सारे मंसुबों पर पानी फेड़ दिया है। दरअसल हिन्दू संगठनों का मानना है कि आमीर खान देश विरोधी होने के साथ ही हिन्दू विरोध भी है।
इस तरह हिन्दूओं के बीच बनी आमीर खान की छवि ने बड़ी चोट दी है। हिन्दू संगठनों दरा फिल्म लाल सिंह चढ्डा का विरोध महज इतेफाक नही है। इसकी पृष्ठ भूमि उस वक्त लिखा गयी थी जब आमीर की पत्नी दरा देश में इनटोलरेंस की बात कही गयी थी। इस बयान के बाद से ही आमीर खान को लेकर देश में हिन्दू संगठनों का सोच बदलने लगा था। उस वक्त आमीर खान अपनी पत्नी की बातों का समर्थन करते दिखे थे। उनकी पत्नी के बयान के बाद देश में बहुत बड़ी बहस छिड़ गयी थी। हालांकि समय बीतने के साथ ही मामला ठंडा पड़ गया। इस बीच आमीर की एक फ्लिम पीके आयी। हिन्दू संगठनों की माने तो पीके फिल्म में भी हिन्दू भवनाओं का मजाक उड़ाया गया था। इस फिल्म के दौरान भी विरोध के स्वर फूटे थे। मगर तब यह विरोध राष्ट व्यापी नहीं बन सका था।
वहीं आमीर खान का भारत विरोधी देश तर्की में जाना भी आग में घी का काम किया। अभी हाल ही आमीर खान दरा सीएट टायर का एक विज्ञापन किया गया था। इसमें वह सड़क पर पटाखे नहीं छोड़ने की बात कहते नजर आये। उनका कहना था कि सड़क पटाखे छोड़ने की जगह नहीं है। पटाखे अपनी सोसायटी में छोड़े। इस विज्ञापन ने हिन्दूओं की भावनाओं को भड़काने का काम किया। इसके बाद देश के कई हिन्दू संगठनों का बयान आना शुरु हो गया कि अगर सड़क पटाखे छोड़ने के लिए नहीं है तो क्या सड़क नमाज पढ़ने के लिए है। कुछ इस तरह के वाक्यों ने हिनदू संगठनों को उद्ेलित करने का काम किया। इसके बाद फिल्म लाल सिंह चढ्डा के रिलिज होने के पहले से ही हिन्दू संगठन आमीर खान के फिलम मे विरोध में सड़क पर उतर गए।
फिल्म ग्यारह अगस्त को रिलिज हुर्इ। मगर हिन्दू संगठनों के विरोध ने फिल्म की सफलता पर बड़ा प्रहार किया। इस फिल्के विरोध में जगह-जगह से आवाज उठने लगी। हर प्लेट फार्म पर हिन्दू संगठन फिल्म का विरोध करने लगे। हालात यह बनी की फिल्म के विराध को देखते हुए आमीर दारा लोगों से आग्रह किया गया कि यह एक अच्छी फिल्म है इसका विरोध नहीं करें। लेकिन हिन्दू संगठनों का इस पर कोर्इ असर नहीं पड़ा। यह फिल्म जो 180 करोड़ की लागत से बनी है फ्लॉप फिल्म के कागार पर पहुंच गयी है।