कर्नाटक में हार के बाद मोदी के सामने आया अग्निपथ !

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RABG LIVE NEWS DESK: भाजपा और नरेंद्र मोदी मोदी के सामने आया अग्निपथ. जी हां कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हारने के बाद 2023 और 2024 में देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसके बाद लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजेगी. जाहिर सी बात है कि इन राज्यों में कहीं भाजपा को अपनी कुर्सी बचानी है तो कहीं सत्ता हासिल करनी है….. और यह सभी को मालूम है की किसी भी राजनीतिक दल के लिए ये चुनाव आसान नहीं होने वाले हैं…. क्योंकि विधानसभा चुनावों के बाद जल्द ही लोकसभा चुनाव होंगे. इसलिए सभी राजनीतिक दलों की यह कोशिश रहेगी की राज्यों के विधानसभा चुनाव में जोरदार प्रदर्शन किया जाए

 

ताकि लोकसभा चुनावों में पार्टी की संभावनाएं ज्यादा मजबूत दिखे. वहीं कर्नाटक में मिली हार ने मोदी की राह को मुश्किलों भरा कर दिया है. हालांकि उन्हें बीजेपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर पूरा भरोसा है. तभी तो लोकसभा चुनाव को देखते हुए उनका कार्यकाल जून 2024 तय कर दिया गया है. वैसे नड्डा तीसरे ऐसे अध्यक्ष होंगे, जिन्हें दूसरी बार पार्टी की कमान मिलेगी. इससे पहले राजनाथ सिंह, लालकृष्ण आडवाणी दो या उससे अधिक कार्यकाल के लिए अध्यक्ष रह चुके हैं. हालांकि हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की हार के बाद माना जा रहा था कि जेपी नड्डा की कुर्सी पर भी संकट के बादल छाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बता दें कि जेपी नड्डा 2020 में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए थे. इसके बाद करीब 14 राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए हैं. इनमें 5 राज्यों में बीजेपी अकेले दम पर सरकार बनाई, जबकि 2 राज्यों में गठबंधन के साथ सरकार बनाने में सफल रही. वैसे 2023 में भाजपा के सामने तेलंगाना, राजस्थान, मिजोरम और छत्तीसगढ़ में जिताने की भी चुनौती है. हालांकि नड्डा के फिर से अध्यक्ष बनने के स्थिति में बीजेपी हाईकमान सभी राज्यों में आसानी से रणनीति को अमल में ला सकती है. मोदी-शाह के भरोसेमंद होने की वजह से नड्डा यह काम आसानी से कर सकते हैं. यहां गौर करने वाली बात यह है कि 2009 में बीजेपी की करारी हार के बाद नागपुर यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से अध्यक्ष का नाम दिल्ली भेजा जाता था. नितिन गडकरी भी आरएसएस के ही कहने पर अध्यक्ष बनाए गए थे. हालांकि, संघ ने इस पर कई बार सफाई भी दी है. लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है. मोदी के चेहरे और शाह की रणकुशलता से पार्टी लगातार बड़ी जीत हासिल कर रही है. ऐसे में नड्डा के एक्सटेंशन के बाद यह माना जा रहा है कि बीजेपी का राजनीति केंद्र अब नागपुर की बजाय दिल्ली हो चुका है. अब देखना यह है कि JP नड्डा किस तरह से भाजपा और मोदी की उम्मीदों पर खरा उतरते हैं.

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