RABG LIVE NEWS DESK : आगामी लोकसभा चुनावों में नीतीश कुमार के लिए भले ही विपक्ष के तरफ से साझा प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनना मुश्किल हो. भले ही नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने में असफल नजर आ रहे हों…. पर जेडीयू के छोटे से लेकर बड़े नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 2024 में लाल किले से तिरंगा फहराते देखना चाहते हैं. लेकिन वे लाल किले की प्राचीर से तिरंगा तभी फहरा सकते हैं, जब देश के प्रधानमंत्री बनेंगे. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने के राह की चुनौतियां कैसे खत्म होगी देखें तो नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री कैंडिडेट बनाने को लेकर अब तक कांग्रेस समेत अधिकांश
पक्षी दल तैयार नहीं हैं. इस लिस्ट में एक तेजस्वी यादव ही हैं जो नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने का समर्थन कर सकते हैं. हालांकि बीते दिन तेजस्वी यादव ने यह कहकर अपने हाथ खड़े कर दिये कि न ही नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं और न ही वह मुख्यमंत्री. यानी की तेजस्वी यादव ने कहीं न कहीं यह जता दिया कि अब नीतीश कुमार के लिए विपक्ष को एकजुट करना उनके वश में नहीं है. दूसरी तरफ जेडीयू की अपनी राजनीतिक हैसियत ऐसी नहीं जो नीतीश कुमार को पीएम की कुर्सी पर बिठा सके. तो फिर नीतीश कुमार 2024 में लाल किले से तिरंगा झंडा कैसे फहरायेंगे ? हालांकि जेडीयू हर हाल में नीतीश कुमार को लाल किले पर तिरंगा फहराते देखना चाहता है. वैसे सीएम नीतीश वास्तविक लाल किले से तिरंगा फहरायें या नहीं, लेकिन जेडीयू नेताओं ने अपने नेता के लिए डिजिटल लाल किला बनाया और पोस्टर पर बनाये गए लालकिले के नीचे नीतीश कुमार ने दावत-ए-इफ्तार किया.
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फुलवारी शरीफ स्थिति इस्लामिया B.Ed कॉलेज में आयोजित दावत-ए-इफ्तार में शरीक हुए. संस्थान के चेयरमैन मोहम्मद खुर्शीद हसन ने मुख्यमंत्री को गुलदस्ता. टोपी. प्रतीक चिन्ह एवं साफा भेंट कर उनका अभिनंदन किया …. लेकिन वहां पर बना लाल किला चर्चा का केंद्र बन गया. इधर, जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर की तरफ से राजधानी की सड़कों पर लालकिला के साथ नीतीश कुमार की तस्वीर लगाई गई थी. पटना में लगाये गये पोस्टर में लालकिला के साथ नीतीश कुमार की फोटो लगायी गयी है…. जिसमें यह लिखा हुआ है कि ‘हम बिहार वाले हर कदम आपके साथ हैं’. पोस्टर में रमजान की बधाई भी दी गयी है. यह भी लिखा गया है कि देश को आपका इंतजार है. यानी कि नीतीश कुमार की राह में भले ही लाख चुनौतियां हो पर समर्थक उनके साथ हैं जिससे जदयू को भी राहत महसूस हो रही होगी. अब देखना यह है कि आगामी चुनावों से पहले विपक्ष नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाता है या नहीं. वैसे नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान कई बार लालकिले जैसे मंच से चुनाव प्रचार किया तो वे प्रधानमंत्री बन गए. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नीतीश कुमार के साथ भी यह संयोग होता है या नहीं.