RABG LIVE NEWS DESK : क्या मीडिया पर है भाजपा और मोदी सरकार का एकाधिकार? जी हां इस सवाल का जन्म खुद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयानों से हुआ है. दरअसल यह पहली बार नहीं है जब मीडिया को लेकर भाजपा पर सवाल उठे हैं. वहीं अब नीतीश कुमार ने भी मीडिया के ऊपर भाजपा को प्रमोट करने का आरोप लगाया है. हालांकि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है लेकिन देश में मोदी की सरकार आने के बाद से कई बार विरोधी मीडिया के ऊपर सवाल उठाते रहते हैं. बात अगर नीतीश कुमार की करें तो उन्होंने सीधे तौर पर मीडिया को कहीं न कहीं गोदी मीडिया कहने की कोशिश की है.
![नीतीश का छलका दर्द: इशारों में कहा मीडिया पर भाजपा का एकाधिकार !](https://rabglive.com/wp-content/uploads/2023/03/MEDIA-POST-300x182.jpg)
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में हम कितना काम करते हैं वह खबर नहीं छापता है! लेकिन जो हमारे खिलाफ में बोलता है तो वह खूब छपता है. उन्होंने कहा कि इसका क्या मतलब है? नीतीश कुमार ने कहा कि खिलाफ में खबर छपने से हमको कोई तकलीफ नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा नेता जो बोलेंगे तो उनको खूब पब्लिसिटी मिलेगी….ऐसे में हमको क्या जरूरत है, कुछ बोलने की? नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार को जो मतलब है करे लेकिन कोई काम नहीं हो रहा है, सिर्फ प्रचार हो रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे कहा कि पटना में सम्राट अशोक कंवेंशन सेंटर बना. उन्होंने कहा कि सम्राट अशोक के नाम पर सब कुछ किया गया, लेकिन यह कौन किया? इसके आगे नीतीश ने फिर से मीडिया से कहा कि आप लोगों से हाथ जोड़कर प्रार्थना करेंगे, आप लोग लिखिएगा मत लेकिन याद रखिएगा. फिर कहा, आप लिखना भी चाहिएगा तो छोड़ देने के लिए कहा जायेगा .
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उन्होंने भाजपा को घेरते हुए कहा कि हटाओ-हटाओ इसको. नीतीश ने आगे कहा कि हम लोगों का मीडिया के प्रति हमेशा प्रेम का भाव रहा है. उन्होंने कहा कि आप कुछ भी लिखिए, उससे कोई मतलब नहीं लेकिन आप सब लोगों को नियंत्रण में कर लिया गया है. इसलिए उन्हीं की बात आती है….और हम लोग जो काम करते हैं उसका कोई खबर नहीं आता…. एक तरफा चलते रहता है. इसके आगे उन्होंने मीडिया से तंज कसते हुए कहा कि आप लोग बुलंद रहिए..मस्त रहिए बाकी जनता मालिक है जो फैसला करे. हालांकि इस पर आलोचकों का यह कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही यह कहते हों कि उन्हें प्रचार में विश्वास नहीं. लेकिन देश की मीडिया में तवज्जो नहीं मिलने से पीड़ा में जरूर दिखे. इस तरह नीतीश कुमार का मीडिया को लेकर एक बार फिर दर्द छलका है.