RABG LIVE NEWS DESK : नीतीश का लव कुश समीकरण है खतरे में. जी हां पहले उपेंद्र कुशवाहा के जेडीयू से अलग होने और फिर सम्राट चौधरी को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने के बाद चर्चा यही है कि नीतीश कुमार का लव-कुश समीकरण टूट गया है. यहां आपको एक बार फिर याद दिला दें कि लव यानि कुर्मी और कुश मतलब कुशवाहा. इसका अर्थ यह हुआ कि जिस समीकरण के कारण जदयू का वोट बैंक मजबूत हुआ वह खतरे में हैं. वैसे इसकी बेचैनी नीतीश कुमार के भाषण में भी देखने को मिली. दरअसल नीतीश कुमार ने एक जनसभा में लोगों से कहा कि….दिल्ली वाला आकर कुछ जातियों पर कब्जा करने में लगेगा. उससे बचियेगा,
सचेत रहियेगा. उन्होंने कहा कि आप लोगों को सब काम हम किये हैं. वैसे यहां गौर करने वाली बात यह है कि इस सभा में नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में लगभग दो दर्जन बार लोगों को कहा-सचेत रहियेगा. इससे भी उनका मन नहीं भरा तो लोगों से हाथ उठवाया कर इसकी पुष्टि करायी कि वे सचेत रहेंगे. दरअसल सम्राट अशोक की जयंती पर बिहार में जोरदार राजनीति देखने को मिली. बता दें कि कुशवाहा जाति के लोग सम्राट अशोक को अपना पूर्वज मानते हैं. नीतीश कुमार सम्राट अशोक जयंती के बहाने जुटाये गये कुशवाहा जाति के लोगों के बीच अपनी उपलब्धियां गिनायीं….कि कैसे सम्राट अशोक के नाम पर काम किया….लेकिन बीजेपी पर लगातार निशाना साधते रहे. उन्होंने इशारों में कहा कि भाजपा वालों को सिर्फ अपने से लगाव है.
नीतीश ने कहा कि यहां जितना काम हो रहा है सब हम लोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र से अगर काम हुआ तो अटल बिहारी वाजपेयी जी के समय हुआ….लेकिन उनका नाम कोई लेता है. उन्होंने कहा कि एक-दो लोग सिर्फ अपना नाम प्रचारित करता है. उन्होंने आगे कहा कि सिर्फ नाम सम्राट अशोक का ले लेगा औऱ बायें-दायें करने के चक्कर में आप पर कब्जा करने के फिराक में रहेगा. इसलिए सचेत रहियेगा. यानी कि नीतीश कुमार सम्राट अशोक के बहाने ये साबित करने में लगे रहे कि वे ही कुशवाहा समाज के हमदर्द हैं. हालांकि सम्राट अशोक की जयंती पर कुशवाहा समाज के लोगों की मीटिंग में नीतीश कुमार ने लगभग दो दर्जन बार लोगों से कहा कि सचेत रहियेगा. वहीं उन्हें सिर्फ बोलने से तसल्ली नहीं हुई तो उनके हाथ उठवाया. कहा-हाथ उठाकर कहिये कि सचेत रहियेगा. जाहिर तौर पर ये बेचैनी ही थी कि मुख्यमंत्री को एक मीटिंग में लगभग दो दर्जन बार लोगों से कहना पडा कि सचेत रहियेगा. इससे इतना तो साफ है कि नीतीश कुमार के अंदर कहीं न कहीं घबराहट है….वरना नीतीश कुमार जनता के सामने इस तरह से लोगों को सचेत करते नजर नहीं आते.