RABG LIVE NEWS DESK: रामनवमी के दिन पूरा पटना होगा भगवामय. जी हां लोकसभा चुनावों में भले ही अभी वक़्त हो लेकिन भाजपा अपनी ताकत दिखाने का और पार्टी का जनाधार बढाने का कोई भी अवसर गंवाना नहीं चाहती. खासतौर से बिहार की बात करें तो जब से नीतीश कुमार ने एनडीए को दोबारा झटका दिया है, तब से बीजेपी यहां काफी ज्यादा आक्रामक नजर आ रही है. वहीं अब खबरें आ रही है कि बीजेपी रामनवमी को बड़े मौके के रूप में भुनाने जा रही है और इसके लिए उसकी पूरी प्लानिंग तैयार कर ली है
बताया जा रहा है कि रामनवमी के मौके पर पूरा पटना भगवामय नजर आएगा. दरअसल हिंदुत्व भाजपा का प्रमुख हथियार रहा है. वहीं बिहार में जिस तरह से सत्ता पक्ष के नेताओं के द्वारा रामचरित मानस और रामायण को लेकर विवादित बयान दिया जा रहा है. उसको लेकर भाजपा के साथ साथ जनता के एक बड़े वर्ग में आक्रोश का माहौल है. ऐसे में इन आक्रोशित जनता को फिर से रिझाने के लिए भाजपा रामनवमी को काफी धूमधाम से मनाने की तैयारी में है. भाजपा जनता को यह संदेश देने की कोशिश में है कि सत्ता वक्ष के नेता भले ही धार्मिक ग्रंथों का अपमान करें लेकिन भगवा पार्टी उनके भावनाओं का सम्मान करेगी. इस मुद्दे पर बीजेपी विधायक नितिन नवीन ने कहा कि श्रीरामनवमी शोभायात्रा अभिनंदन समिति के द्वारा हर साल रामभक्तों का सैलाब हम देखते आए हैं.
उन्होंने कहा कि पटना के डाकबंगला चौराहे पर इस बार भी 51 शोभायात्राएं निकाली जा रही हैं. नितिन नवीन ने कहा कि हर साल अलग-अलग झांकी इसको लेकर देखने को मिलता है, जिसकी तैयारी जोर शोर से चल रही है. उन्होंने कहा कि लगभग एक लाख छोटे रामध्वज पटना में लगाए जाएंगे और पूरा पटना भगवामय नजर आएगा. भाजपा नेता के अनुसार डाकबंगला चौराहे को भी विशेष रोशनी से सजाने का प्रबंध किया गया है….और लगभग 20 तोरणद्वार भी बनाए जा रहे हैं. वहीं मुख्य आयोजन की पूर्व संध्या पर भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि हर बार बिहार के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों को निमंत्रण दिया जाता रहा है तो इस बार भी दिया जाएगा. यानी कि रामनवमी के अवसर भाजपा बिहार को भगवामय करने की तैयारी में है. बता दें कि बिहार में महागठबंधन के साथ नीतीश कुमार के सरकार गठन के बाद यह पहली रामनवमी है. ऐसे में भाजपा इस रामनवमी के मौके पर महागठबंधन के दलों और खासकर जदयू और नीतीश कुमार दोनों को अपनी ताकत का अंदाजा कराना चाहती है. ऐसे में देखना यह है कि बिहार की राजनीति पर रामनवमी कितना प्रभाव डालता है.