RABG LIVE NEWS DESK: जगदानंद सिंह और सुधाकर सिंह ने मिलकर इशारों में नीतीश पर किया कटाक्ष. जी हां जगदानंद सिंह और सुधाकर सिंह कहने के लिए तो महागठबंधन में हैं पर वह नीतीश कुमार के खिलाफ भी हमला करने से नहीं चूकते हैं. आपको बता दें कि कुढ़नी विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद जगदानंद सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि इस नतीजे से ये विश्वास पैदा हुआ है कि बिहार की जनता बदलाव चाहती है. जगदानंद सिंह ने कहा कि कुढनी के कई बूथों पर गरीब सही से वोट नहीं कर पाये इसलिए महागठबंधन चुनाव हार गया. लेकिन जब अगला चुनाव होगा तो गरीब खुलकर वोट करेंगे और देश में बदलाव होकर रहेगा.
जगदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार की क्षमता परख कर ही बीजेपी ने उन्हें कुर्सी दी थी. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने नीतीश की क्षमता का दोहन और शोषण लंबे समय तक कर लिया. लेकिन नीतीश कुमार अपने गुरूजनों से सीख लेकर समाजवाद की पुरानी धारा में लौट आय़े हैं. उन्होंने कहा कि अब उनका स्वरूप धीरे-धीरे निखार में आ जायेगा और उन पर जो धब्बा लगा है वह धीरे-धीरे मिट जायेगा. यानी कि जगदानंद सिंह ने यह बताने की कोशिश की है कि नीतीश कुमार पर धब्बा लगा हुआ है जो राजद के साथ रहते हुए धीरे-धीरे मिट जाएगा.
राजद के प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि अभी नया-नया राजद औऱ जेडीयू का गठबंधन हुआ है. ऐसे में दोनों पार्टियों को ठीक तरह से एक होने में समय लगेगा. लेकिन गठबंधन उत्साहवर्धक है. उन्होंने कहा कि ये अलग बात है कि यह नतीजे में नहीं बदल पाया….लेकिन आने वाले दिनों में महागठबंधन बीजेपी को पूरी तरह से उखाड़ फेकेगा. दूसरी ओर पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह किसानों के हित में प्राइवेट मेंबर बिल बिहार विधानसभा के आगामी सत्र में लाने वाले हैं. इस बिल ने नीतीश सरकार की नींद तो हराम की ही है, राजद और भाजपा के भी होश बिगड़े हुए हैं. दरअसल, पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह बतौर किसान नेता किसानों के हक में लाना चाहते हैं, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो. परंतु यह एक विधायक के स्तर पर प्राइवेट मेंबर बिल लाना चाहते हैं.
सरकार का हिस्सा होते हुए भी प्राइवेट मेंबर बिल लाने की घोषणा के साथ सत्ता और विपक्ष की नींद हराम हो गई है. दरअसल वर्ष 2007 में जब एनडीए सरकार के द्वारा मंडी को समाप्त करने का बिल लाया गया था, तब राजद ने खुल कर विरोध किया था. अब अगर पूर्व कृषि मंत्री इस बिल को लाते हैं तो राजद के सामने दुविधा होगी कि मंडी को फिर से शुरू करने की बात नीतीश कुमार के सीएम रहते कैसे करें…..और अगर राजद मंडी को लागू करने की बात करती है तो पार्टी स्वयं अपने पुराने स्टैंड से मुकरती नजर आयेगी. ऐसे में या तो उन्हें नीतीश कुमार की कृषि नीति से दामन छुड़ाना होगा या राजद को अपना पुराना स्टैंड पर कायम रहना होगा. इस तरह जगदानंद सिंह ने जहां यह बताने की कोशिश की है कि राजद के साथ गठबंधन करने के बाद नीतीश को चमकने में थोड़ा समय लगेगा…. तो दूसरी ओर सुधाकर सिंह एक बार फिर नीतीश कुमार के लिए मुसीबत बनते हुए नजर आ रहे हैं. अब देखना यह है कि महागठबंधन इस मुश्किल का सामना कैसे करता है.