RABG LIVE DESK : कहते है यु ही नहीं मिलती राही को मंजिल, एक जुनून सा दिल में जगाना होता है। नालन्दा के पर्वतरोही मिताली प्रसाद के बाद हिलसा के लाल अभिनव कुमार में एक ऐसा ही जुनून देखने को मिला। जिन्होंने बाइक से पाकिस्तान की लास्ट बॉर्डर पर पड़ने वाले गांव तुर्तुक तक का सफर पूरा किया है।अभिनव कुमार मूलतः हिलसा नगर परिषद क्षेत्र के मई गांव का रहने बाला है इनके पिता किसान है माँ नर्स है। अभिनव अपने पैतृक गांव मई से लेकर इंडिया और पाकिस्तान की लास्ट बॉर्डर पर पड़ने वाले गांव तुर्तुक तक का सफर पूरा कर जिला को गौरवान्वित किया है। अभिनव ने मात्र ग्यारह दिनों में कुल 3000 किलोमीटर को यात्रा अपनी बाइक से पूरी की है।
अभिनव ने अपनी यात्रा 31 मई को शुरू की थी। अभिनव सबसे पहले खारदुंगला, जो कि वर्ल्ड का सबसे ऊंचा पास है, उसके बाद चांगला, जो वर्ल्ड का सेकंड हाईएस्ट पास हैं, इसके बाद तालंगला लचुंगला, बरलचला नकीला और पांगोंग लेक की चढ़ाई पूरी की। इंडिया पाकिस्तान बॉर्डर पर पड़ने वाले सबसे लास्ट गांव तुर्तुक तक पहुंचने के बाद अब अभिनव पुनः 3000 किलोमीटर की यात्रा कर कारगिल गुलमर्ग सोनमर्ग होते हुए गुरुवार को घर वापस हुआ जहाँ हिलसा पहुचते ही लोगो ने अभिनव को भव्य स्वागत कर हौसला अफजाई किया।हिलसा से लेकर लेह लद्दाख के ऊंचाइयों तक का सफर फतेह करने वाले अभिनव ने बताया कि मेरे आंखों में खुशी की आंसू है।
कहा कि हिमालय की ऊंचाइयों तक का सफर तय करने का एहसास मैं अपने शब्दों में बयान नहीं कर पा रहा हूं। बस खुशी के आंसू के साथ इतना ही कह सकता हूं कि ऐसा लग रहा है जैसे मैंने एवरेस्ट फतह कर लिया हो। कहा कि इरादे बुलंद हो तो रास्ते के पत्थर भी अपनी जगह छोड़ देते हैं। अभिनव नालंदा के पहले यू ट्यूब ब्लॉगर हैं, जिन्होंने बाइक से हिमालय की ऊंचाइयों तक का सफर पुरा कीया हैं।