RABG LIVE DESK : RUSSIA UKRANE WAR: रूस ने 13वें दिन यूक्रेन पर तेज किए हमले, छात्र नवीन का शव भारत लाया जाएगा साथ ही दंपती की सुरक्षित वापसी की मांग
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के आज 13 दिन हो गए हैं। दोनों देशों के बीच लगातार हमले जारी हैं। हालांकि, दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने के लिए दूसरे देश भी तैयार हैं। इसके बावजूद रूस और यूक्रेन के बीच हालात सुधर नहीं रहे हैं।
यूक्रेन में Z साइन को कैसे देख रहे है : यूक्रेन के नागरिक
कतर में यूक्रेनी प्रतिद्वंद्वी के बगल में पोडियम पर Z अक्षर प्रदर्शित करने के लिए रूसी जिमनास्ट इवान कुलियाक को अंतर्राष्ट्रीय जिमनास्टिक्स फेडरेशन (FIG) द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही का सामना करना पड़ रहा है। वहीं रूस में Z साइन को राष्ट्रपति पुतिन द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण को कट्टर समर्थन के प्रतीक चिन्ह के तौर पर देखा जा रहा है। रूसी समर्थक सोशल मीडिया साइट्स से लेकर कारों पर, होर्डिग्स में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
इसे लेकर कई थ्योरी दिए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर पहली बार Z साइन तब देखा गया जब रूसी टैंक यूक्रेन की ओर बढ़ रहे थे और उनपर Z लिखा हुआ था। शुरुआत में ऐसा सोचा गया कि Z वाकई में संख्या 2 का प्रतीक था। ये उस दिन का प्रतीक था जब रूस ने डोनेट्स्क और लुहान्स्क के साथ दोस्ती, सहयोग और पारस्परिक सहायता पर एक समझौते की पुष्टि की थी।
युद्ध के बीच कपल यूक्रेन बॉर्डर पर फंस गए :
रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग में एक कपल बॉर्डर पर फंस गया है। डॉक्टर पति दीपांशु प्रताप सिंह राणा, UP के फिरोजाबाद स्थित शिकोहाबाद के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी नतालिया यूक्रेनियन है। उनका एक 4 माह का बेटा राणा रेयान दीपांशुइयोविच भी है।
दीपांशु यूक्रेन में पढ़ने गए थे। वहीं उन्हें नतालिया से प्यार हो गया। करीब दो साल पहले दोनों ने वहीं शादी भी कर ली। अब उनका बेटा भी साथ है। भारत लौटने के लिए तीनों यूक्रेन से रवाना तो हुए, पर माल्दोवा बॉर्डर पर उन्हें रोक लिया गया। तर्क यह दिया गया कि सिर्फ दीपांशु भारत जा सकते हैं, उनकी पत्नी नहीं। क्योंकि पत्नी को अभी भारत की नागरिकता नहीं मिली है। ऐसे हालात में नतालिया ने दीपांशु से कहा कि तुम बेटे के साथ लौट जाओ। यह बात दीपांशु को मंजूर नहीं। उन्होंने कहा कि बेटे और पत्नी को छोड़कर वह नहीं जाएंगे।।
दंपती की सुरक्षित वापसी की मांग: राजस्थान के कुछ स्टूडेंट्स के जरिए यह खबर सामाजिक और कांग्रेस कार्यकर्ता चर्मेश शर्मा तक पहुंची। चर्मेश राजस्थान के बूंदी के रहने वाले हैं। उन्होंने इस कपल को भारत लाने की पैरवी की है। दीपांशु और नतालिया के पास मैरिज सर्टिफिकेट है। इंडियन एम्बेसी में अप्लाई किए गए डॉक्युमेंट्स, बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट के साथ दोनों के पासपोर्ट भी हैं। इसके बावजूद वे वापस नहीं लौट पा रहे हैं।