पटना, 29 जनवरी
लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास ने राज्य सरकार के उस निर्देश की तीखी आलोचना की है जिसके तहत शिक्षकों को शराबबंदी कानून के तहत शराबियों और शराब माफियाओं पर निगरानी करने का निर्देश दिया गया है लोजपा रामविलास के प्रदेश प्रवक्ता राजेश भट्ट ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शराब पर इस तरह केंद्रित हो गए हैं कि शराब के बाहर उन्हें कुछ भी नहीं दिखता जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। जब प शराबबंदी कानून के पालन कराने में पुलिस और प्रशासन दोनों पूरी तरह विफल साबित हो गई हैं तो अपनी विफलता छिपाने को लेकर मुख्यमंत्री जी तालिबानी फरमान जारी करते हुए प्रदेश के शिक्षकों पर शराबबंदी कानून के तहत निगरानी करने का अतिरिक्त भार जबरन थोपना चाह रहे हैं जो बेहद गैर वाजिब है। जिन शिक्षकों पर प्रदेश के छात्रों के भविष्य और उनके चरित्र निर्माण की जिम्मेवारी है उन्हें किसी अन्य कार्य में लगाना कहीं से भी न्यायोचित नहीं है ।
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प्रदेश के शिक्षकों को पहले ही प्रदेश में अन्य अतिरिक्त कई कार्यों में लगाया जा रहा है जिसको लेकर शिक्षा व्यवस्था का कार्य पूरी तरह प्रभावित हो रहा है । पूरे वर्ष में आधे से ज्यादा कार्य दिवस के दौरान उन्हें तरह-तरह के सरकार से संबंधित अतिरिक्त कार्य जैसे जनगणना, चुनाव का संपादन, मध्यान भोजन , समेत दर्जनों अध्यापन के अलावे उन्हें कार्य करने को मजबूर किया जाता है वही अब शराबबंदी के निगरानी और खुफियागिरी करने का काम देना बिल्कुल तालिबानी आदेश है जिसे राज्य सरकार को शीघ्र वापस लेना चाहिए । इससे पूर्व शराबबंदी के निगरानी में प्रदेश भर में चौकीदारों को लगाए गए है जिसका परिणाम उन्हें कई जगहों पर शराब माफियाओं का शिकार होना पड़ा है जिसमें दर्जनों लोगों की अब तक जाने जा चुकी है। उक्त सरकारी निर्देश को लेकर शिक्षकों में बेहद भय का माहौल है जो प्रदेश के लिए बेहद गंभीर मामला है । लोजपा रामविलास के प्रदेश प्रवक्ता श्री भट्ट ने सरकार से इस तालिबानी आदेश को शीघ्र वापस लेने की मांग की है।