बिहार में कोरोना की तीसरी लहरा दस्तक देते ही बिहार सरकार ने कोविड गाइडलाइंस की पालन करने के छह फरवरी तक सभी शिक्षण संस्थान धार्मिक स्थल को बंद कर दिया है साथी नाइट कार्टून कार्फू कर्फ्यू भी लगा दिया गया है.
इसके साथ ही सभी लोगों को मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. सभी लोग मास्क लगाकर चले इसके लिए पुलिस ने धावा दल तैयार किया है, जो सभी इलाके में जा जाकर लोगों को मास्क लगाने के लिए प्रेरित करती है. मास्क नहीं लगाने वाले को पुलिस सरेआम दंडित करती है,
जुर्माना भी वसूला जाता है, साथ ही उठक बैठक, लप्पड़ – थप्पड़ से भी मास्क नहीं लगाने वाले का स्वागत किया जाता है. लेकिन कोविड गाइडलाइंस के नियमों को बताने वाली पटना पुलिस खुद कोरोना गाइडलाइन के नियमों को हवा कर रही है. सड़कों पर निकलने वाले कई पुलिसकर्मी बिना मास्क के देखे जाते हैं.
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पूछे जाने पर कुछ पुलिसकर्मी कहते हैं भूल हो गई, तो कुछ पुलिसकर्मी उलझते भी देखें जारहे है. आम लोग तो पुलिस के डर से मास्क पहनकर चलते भी हैं, लेकिन पुलिस को किसी का डर नहीं है. उन्हें कोई फाइन काटने वाला भी नहीं है.
लेकिन पुलिस वाले यह भूल जा रहे हैं की कोरोना से बचना है तो पुलिस वाले को भी मास्क लगा कर चलना जरूरी होगा. भले कोई उन्हें दण्ड नही दे लेकिन कोरोनावायरस जरूर दण्ड दे सकती है।
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सुरक्षा और संक्रमण का रफ्तार रोकने के लिए DM डॉ चंद्रशेखर सिंह ने बुधवार को आदेश जारी किया है कि गाइडलाइन तोड़ने वालों के साथ सख्ती से पेश आया जाए। उन्होंने कड़ाई और चेकिंग बढ़ाने का निर्देश दिया है। प्रशासन का कहना है कि कोविड की गाइडलाइन तोड़ने वाले खुद के साथ अपने परिवार और समाज के लिए खतरा बन रहे हैं।