RABG LIVE NEW DESK बिहार की राजनीति में 22 जनवरी के बाद सियासी बवंडर देखने को मिल सकता है अयोध्या में 22 जनवरी को राम लला के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है इसके बाद प्रदेश की सियासी समीकरण बदल सकती है बिहार में भाजपा अपनी सहयोगी पार्टियों को लेकर सीट शेयरिंग के मामले में पत्ता नहीं खोल रही है राजनीति के जानकार बताते हैं कि बीजेपी इंडिया गठबंधन में होने वाली सीट शेयरिंग पर नजर लगाई हुई है इसकी बड़ी वजह है कि इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के बीच सीटों को लेकर उठा पटक चल रही है
खासकर जेडीयू द्वारा बिहार में 17 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद सहयोगी पार्टियों के बीच घमासान तय माना जा रहा है जेडीयू के कई बड़े नेताओं के सीट शेयरिंग को लेकर बयान आने के बाद राजद की तरफ से भी दबी जुबान विरोध शुरू हो गया है इस मामले को लेकर कांग्रेस तो अंदर ही अंदर जेडीयू से पूरी तरह खफा हो गई है कांग्रेस कम से कम 9 सीटों पर बिहार में चुनाव लड़ना चाह रही है कांग्रेस राजद और लेफ्ट पार्टियों के लिए कुल 23 सीट बचती है इसमें कांग्रेस को 9 सेट मिलना मुश्किल प्रतीत हो रहा है राजनीतिक सूत्र बताते हैं की जेडीयू से कम सीटों पर राजद भी चुनाव नहीं लड़ेगी ऐसे में इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच सियासी तकरार बढ़ सकते हैं बात अगर हद से ज्यादा बढी तो निसंदेह जेडीयू फिर से एनडीए की ओर रुख कर सकता है हाल के दिनों में कई मसलों पर जेडीयू और राजद का अलग-अलग स्टैंड सामने देखने को मिला है जो यह समझने के लिए काफी है कि इंडिया गठबंधन में ऊपरी तौर पर सब कुछ ठीक दिख रहा है
लेकिन अंदर खाने में हलचल बढ़ी हुई है भाजपा इन्हीं मौके को भुनाने के इंतजार में है कि नीतीश कुमार अगर एनडीए में वापस आते हैं तो उन्हीं के हिसाब से एनडीए गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर निर्णय लिया जाएगा अगर सब कुछ सामान्य रहा तो बीजेपी बिहार में 30 से 32 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है इसके बाद की सिट लोजपा के दोनों गुट, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी और जीतन राम मांझी की पार्टी हम को मिलेगी।