संजय राउत ने कहा है कि PM नरेंद्र मोदी अपने काफिले में ”12 करोड़ रुपये की कार” को शामिल करने के बाद ‘फकीर’ होने का दावा नहीं कर सकते। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में राउत ने पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू की हमेशा भारत में बनी कार का इस्तेमाल करने और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जान का खतरा होने के बावजूद अपने सुरक्षाकर्मियों को नहीं बदलने के लिए प्रशंसा की।
28 दिसंबर को मीडिया ने प्रधानमंत्री के लिए लाई गई 12 करोड़ रुपये मूल्य की कार की तस्वीर प्रकाशित की। वह व्यक्ति जो खुद को फकीर, प्रधान सेवक कहते हैं, विदेश में बनी कार का इस्तेमाल करते हैं।’’ राज्यसभा सदस्य ने कहा, प्रधानमंत्री की सुरक्षा और सुविधा अहम हैं लेकिन अब से प्रधान सेवक को नहीं दोहराना चाहिए कि वह फकीर हैं।उल्लेखनीय है
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कि हाल में विशेष सुरक्षा समूह ने प्रधानमंत्री के काफिले में मर्सिडीज मेबैक एस 650 नामक कार को शामिल किया है। मीडिया में इस श्रेणी की कार की कीमत करीब 12 करोड़ रुपये बताई जा रही है। हालांकि, सरकारी सूत्रों का कहना है कि नई कार प्रधानमंत्री द्वारा इस्तेमाल बीएमडब्ल्यू कार के स्थान पर लाई गई है
क्योंकि जर्मन कंपनी ने उसका निर्माण रोक दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एसपीजी ने उसके द्वारा सुरक्षा प्राप्त लोगों की कारों को बदलने के लिए छह मानक तय किए हैं लेकिन मोदी ने इसको लेकर कोई पसंद जाहिर नहीं की थी कि किस कार का इस्तेमाल किया जाए।
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