RABG LIVE NEWS DESK: बिहार में जातीय गणना पर पटना हाई कोर्ट के एक्शन के बाद राज्य की राजनीति गरम हो गयी है . वैसे गणना के दूसरे चरण की शुरुआत भी हो गई थी, लेकिन पटना हाई कोर्ट के निर्देश के बाद इस पर फिलहाल रोक लग गई है. लेकिन अब तक जो भी कार्य किए गए हैं उसके डेटा को कोर्ट ने सुरक्षित रखने के लिए कहा है. पटना हाई कोर्ट ने कहा है कि अगली सुनवाई इसमें तीन जुलाई को होगी. चूंकि नीतीश सरकार की जातीय गणना शुरू से ही चर्चा में थी ऐसे में इस पर फिलहाल ब्रेक लगने से खलबली मच गई. वहीं इसके बाद नीतीश सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गयी. आपको बता दें कि इस मुद्दे पर आरएलजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है. दरअसल उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पटना हाई कोर्ट द्वारा जातीय जनगणना पर लगी रोक का फैसला नीतीश कुमार की लापरवाही का नतीजा है.
उन्होंने इसके पीछे की वजह भी बताई है. कुशवाहा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बिना तैयारी मुकदमा लड़ने के कारण ऐसा फैसला आया है. उन्होंने कहा कि कोर्ट में ऐसे मौके पहले भी आए हैं, जब राज्य सरकार के सुस्त रवैये के कारण नरसंहारों के मुजरिम भी बरी होते रहे हैं. कुशवाहा ने कहा कि समता वादी विकास की धारा को आगे बढ़ाने में नीतीश जी की विफलता अब सार्वजनिक हो गई है. इसके साथ ही पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी ने भी नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. बता दें कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार नहीं चाहते हैं कि बिहार में जातिगत गणना हो. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार पूरी तरह से फेल है. सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार अपने फैसले को कोर्ट में साबित नहीं कर पा रही है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की पलटी मारने की पुरानी आदत है….इसलिए ऐसी सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए. सम्राट चौधरी ने कहा कि पटना हाई कोर्ट से रोक लगाने के 100 प्रतिशत जिम्मेदार सीएम नीतीश कुमार हैं. इस तरह उपेंद्र कुशवाहा और सम्राट चौधरी ने मिलकर नीतीश कुमार के खिलाफ जोरदार हमला बोला है. वैसे भी जातीय गणना को नीतीश कुमार लोकसभा चुनावों की दृष्टि से बड़ा हथियार मान रहे थे. ऐसे में इस पर अंतरिम रोक लगना नीतीश कुमार के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है.