वर्तमान शैक्षिक चुनौतियां एवं राष्ट्रीय नीति पर दो दिवसीय सेमिनार संपन्न हुआ

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*”वर्तमान शैक्षिक चुनौतियाँ एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति”* विषय पर दो दिवसीय सेमिनार संपन्न

दिनांक 16 एवं 17 मार्च, 2022 को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, नूरसराय, नालन्दा में *”वर्तमान शैक्षिक चुनौतियाँ एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति”* विषय पर दो दिवसीय सेमिनार आज दिनांक 17/03/2022 को संपन्न हो गया।

इस सेमिनार में मुख्य अतिथि बिहार के शोध एवं प्रशिक्षण निदेशालय के निदेशक डाॅ० विनोदानंद झा थे। शिक्षाविद् एवं आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के भूतपूर्व डीन डाॅ० ज्ञानदेव मणि त्रिपाठी एवं काॅलेज ऑफ एडुकेशन, तुर्की, मुजफ्फरपुर
के प्राचार्य डाॅ० इम्तियाज आलम की उपस्थिति विशिष्ट अतिथि के रूप में हुई।
सेमिनार का शुभारंभ दिनांक 16/03/2022 को अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। दीप प्रज्ज्वलन के तुरंत बाद नालन्दा के जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री केशव प्रसाद भी आ गये। सभी मंचासीन शिक्षाविदों, विभिन्न विद्यालय के प्रधानाध्यापकों, प्रशिक्षण संस्थान के व्याख्याताओं, मीडिया के सदस्यों तथा प्रशिक्षुओं का स्वागत प्रभारी प्राचार्य हेमचंद्र ने किया और शिक्षा की चुनौतियों से निपटने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को एक सहायक नीति होने की बात बतायी।

विनोदानंद झा सर द्वारा शिक्षा के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि शिक्षा हमारा पूर्ण विकास करती है। शिक्षा नीति हमारा मार्गदर्शन करती है। उसके आधार पर हमारी अपनी रणनीति होती है।

ज्ञानदेव सर ने कहा कि हमें सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 का अध्ययन करना होगा और तब संपूर्ण नैतिकता के साथ उसके अनुरूप शिक्षण एवं मार्गदर्शन की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। तभी हम बच्चों का विकास एक योग्य नागरिक के रूप में कर सकेंगे।

इम्तियाज सर ने कहा कि बदलती परिस्थितियों के अनुरूप हमारी शिक्षण तकनीक भी बदलेगी और इस बदलाव की शुरूआत हम जहाँ पर हैं वहीं से अभी कर दें। अभी तक हम नीति के पीछे चले हैं। अब जरूरत है नीति को स्थान विशेष के अनुसार बदल कर सार्थक परिणाम देने की।

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि किसी भी नीति की सफलता तभी होती है जब उससे जुड़े प्रत्येक स्तर पर टीम भावना एवं समर्पण के साथ कार्य किया जाता है।

इसके बाद सत्र समाप्त हुआ।

दूसरे दिन के सत्र का शुभारंभ मध्य विद्यालय गौढ़ापर के प्रधानाध्यापक क्रीत प्रसाद के नेतृत्व में सदन ने प्रेरणा गीत से किया। इसके बाद संस्थान के व्याख्याता फरहत जहां, सरफराज आलम, पुष्कर कुमार एवं अनिल कुमार ने अपने-अपने विचार रखे। सेमिनार में उपस्थित ह्यूमाना के अश्वनी पांडेय ने अभिवंचित एवं भेद्य बच्चों, जैसे – अनाथ, असहाय, रोगग्रस्त, नि:शक्त बच्चों की शिक्षा को एक बड़ी चुनौती बताते हुए सभी लोगों को इस कठिन टास्क को पूरा करने के लिए संवेदनशील होने का आह्वान किया।

उपस्थित प्रधानाध्यापकों में शशिभूषण पांडेय, सच्चिदानंद प्रसाद, जाहिद हुसेन, आलोक कुमार इत्यादि ने भी अपने-अपने विचार रखे।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में बाल मित्र विद्यालय प्रणाली के जिला समन्वयक ब्रजभूषण वर्मा, ह्यूमाना के अश्वनी पांडेय, व्याख्याताओं, यथा – मोइनुद्दीन खान, अर्चना नाथ, निर्मला, अफरोज बानो एवं राहुल कुमार, प्रधानाध्यापक आलोक कुमार, क्रीत प्रसाद, विवेकानंद सविता, शिशिर कुमार सिन्हा एवं शिक्षक अनूप कुमार सिन्हा व राजेश कुमार तथा प्रशिक्षुओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।

मंच संचालन शिक्षक सुधीर पांडेय ने किया जिनके आवाज की सभी ने प्रशंसा की।

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