संजय निषाद ने आज कहा है कि उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करके उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में 15 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. निषाद ने कहा कि वह सोमवार को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह तथा भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे.
उन्होंने कहा कि इस दौरान यह तय किया जाएगा कि वह 15 सीटें कौन सी होंगी जिन पर निषाद पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी.उत्तर प्रदेश की 403 में से 15 सीटें हमें भाजपा के साथ गठबंधन के तहत मिली हैं. इनमें से ज्यादातर सीटें पूर्वांचल की हैं जबकि पश्चिमांचल से भी कुछ सीटें मिली हैं.
बदलते राजनीतिक समीकरणों की वजह से हम कुछ सीटों पर बदलाव चाहते हैं. हम सीट पर नहीं बल्कि जीत पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.’ निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी) का गठन वर्ष 2016 में हुआ था और इसके नेताओं का दावा है कि उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रभावशाली निषाद समुदाय का समर्थन हासिल है.
READ MORE:- राहुल गाँधी ने बेरोज़गारी के लिए नफरत को भी बताया ज़िम्मेदार, बीजेपी पर साधा निशाना
समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर निशाना साधते हुए निषाद ने कहा, ‘राजभर को तो उन्हीं के क्षेत्र के लोग महत्त्व नहीं देते हैं,
तो बाकी का क्या कहा जाए.’ चुनाव आयोग द्वारा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर चुनावी रैलियों पर रोक लगाए जाने के बारे में पूछे जाने पर निषाद ने कहा, ‘हमारी पार्टी में युवा कार्यकर्ताओं की फौज है जो सोशल मीडिया का काफी इस्तेमाल करती है.
प्रदेश के 70 जिलों में पार्टी के डिजिटल कार्यालय काम कर रहे हैं. पार्टी ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया मंचों पर काफी सक्रिय है.’
वैसे निषाद पार्टी का इतिहास बस आठ साल पुराना है, लेकिन वह अब तक तीन दलों के साथ गठबंधन का हिस्सा रह चुकी है. निषाद पार्टी ने पहले पीस पार्टी, फिर सपा और 2019 में भाजपा के साथ गठबंधन किया था.
यही नहीं, हर गठबंधन के साथ पार्टी ने अपनी ताकत बढ़ाई है. वहीं, पिछड़ा वर्ग में शामिल निषादों को अनुसूचित जाति का दर्जा दिलाने की मांग ने भी निषाद पार्टी को सुर्खियां दिलाई थीं.