संजीव कुमार बिट्टू
नालंदा
नालंदा क़े सिलाव प्रखंड प्राथमिक विद्यालय नोना में शिक्षक दिवस मनाया गया सभी छात्र/छात्राओं को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवनी के बारे में विशेष रुप बताया गया। प्राथमिक विद्यालय -नोना के प्रधानाध्यापक भागवत पासवान ने बच्चों को बताया की सभी को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के द्वारा बताए गए मार्ग पर चलना चाहिए, वहीं पर शिक्षक राजीव रंजन कुमार ने कहा कि सबसे पहले शिक्षक डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे।
स्वतंत्र भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति दूसरे राष्ट्रपति रहे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की 49 जयंती मनाई जा रही है। भारत के स्वतंत्रता के बाद देश को आधुनिक शिक्षा की दिशा में सर्वपल्ली राधाकृष्णन की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण शिक्षक के रूप में रही राधाकृष्णन प्रसिद्ध दार्शनिक, विचारक, राजनेता भी थे ।इसलिए उनके जन्म दिवस के उपलक्ष्य पर हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया था ।
वर्ग प्रथम के प्रभा कुमारी, गुड्डू कुमार आराध्या कुमारी, सिमरन कुमारी द्वितीय वर्ग के छात्र छात्राएं निधि कुमारी, प्रियांशु कुमार, लक्ष्मण कुमार, संध्या कुमारी, प्रीति कुमारी, वर्ग 3 के शिवानी कुमारी, लक्ष्मी कुमारी ,अर्चना कुमारी ,आयुष कुमार, अनु कुमारी ,वर्ग 4 के खुशी कुमारी राधिका कुमारी, अमित कुमार ,शिव कुमार, स्वीटी कुमारी, एवं वगॅ पांच के छात्राओं संजना कुमारी, कविता कुमारी, लक्ष्मी कुमारी ,बिना कुमारी राजनंदनी कुमारी, सुमन कुमारी सभी बच्चों ने उपहार के रूप में सभी शिक्षक एवं शिक्षिका को कलम ,डायरी ,गुलदस्ता इत्यादि से सम्मानित किया। इस पर शिक्षिका समारुही ने डॉक्टर सर्वप्ली राधा कृष्णन के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बच्चों को बताया कि शिक्षा वह मूल हथियार है जिससे हासिल करके अपने परिवार में ही नहीं बल्कि समाज में गांव में जिला में प्रदेश में पूरे राष्ट्र के लिए शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाई जा सकती है। इसलिए आज से हम लोग संकल्प लें, की सभी बच्चे मेहनत करके आगे बढ़ेंगे वहीं शिक्षक परम देव कुमार ने छात्र-छात्राओं के बीच में कहा शिक्षा वह शेरनी का दूध है। जो पियेगा वह दहाड़ेगा ।इसलिए शिक्षा को हर हाल में ग्रहण करना है।
शिक्षक शिलानंद ने अपने विचार को साझा करते हुए कहा -कि शिक्षक का समाज में बड़ा ही अहम योगदान होता है ।लेकिन यह तभी संभव है ,जब आप सब बच्चे मिलकर तन- मन धन से पढ़ाई करेंगे ।तब आपका सपना और अपने माता-पिता एवं गुरुजनों का सपना साकार हो सकता है। शिक्षक मोनू कुमार ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया की सभी छात्र-छात्राएं का उत्साह जिस तरह से जयंती मनाने में है। इस तरह सभी लोग उत्साहित होकर शिक्षा ग्रहण करें यही हमारे आप लोगों से कामना है ।शिक्षक पंकज कुमार ने विचार व्यक्त करते हुए कहा की सभी बच्चे मेहनती और लग्नशील है, इसलिए आप आगे बढ़ सकते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं ।बसरते प्रतिदिन आपको विद्यालय आना होगा। और अपने मेहनत के बदौलत आगे बढ़ाना है ।