कन्वेंशन सेंटर में मकर मेला की बैठक में भाग लेते डीएम, विधायक के साथ अन्य जनप्रतिनिधि व समाजसेवी।
राजगीर,
मकर संक्रांति पर मेला थाना मैदान में 14 जनवरी से सात दिनों तक चलने वाले सांस्कृतिक, पौराणिक एवं धार्मिक राजकीय मकर मेला की सफलता को लेकर डीएम ने शनिवार को इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व साधु-संतों के साथ बैठक की। लोगों ने अपने सुझाव में कहा कि यह मेला काफी पौराणिक है। यह पहले किसानों के द्वारा उपजाये गये फसल की प्रदर्श करने वाला होता था। इसमें किसान अपने खेतों में उपजे बड़े-बड़े कद्दू, कोहड़ा, आलू, बैगन, मूली सहित अन्य को लाते थे जो देखने योग्य होता था। इसके अलावा सांस्कृतिक व धार्मिक कार्यक्रम होते थे। किसानों के लिए यंत्र व खेती के औजार संबंधी मेला लगाया जाता था। इससे किसानों को जानकारी मिलती थी। लोगों ने कहा कि मेला को ठेकेदारी से मुक्त रखा जाय। सरकारी स्तर पर जिला प्रशासन की देखरेख में हो। इससे छोटे-मोटे रोजगार करने वालों व किसानों को यहां पर अपनी उपज व सामान लाकर मेला में रखने का जगह मिल सकेगा। पूर्व मुख्य पार्षद श्यामदेव राजवंशी ने कहा कि मेला में पालकी सज्जा व तांगा सज्जा हो। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. धीरेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि यह काफी पौराणिक मेला है। इसकी धार्मिक महत्व है। मेला के लिए कमेठी गठन कर जिला प्रशासन की निगरानी में हो। जदयू नेता बीरेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि यह सदियों से लगते आ रहा है। किसानों का मेला है। इसमें विभागों की प्रदर्शनी लगायी जानी चाहिए। नगर परिषद के शिथिलतापन के कारण यह मेला लुप्त हो गया है। वार्ड पार्षद श्रवण कुमार ने कहा कि इस मेला को सालों तक पूर्व मंत्री स्व. सुरेन्द्र प्रसाद तरुण जी ने बचाये रखा था। बाद में इसे मंत्री श्रवण कुमार के सहयोग से आगे बचाया गया। मेला ऐसा हो जिसमें कि समाज के अंदर बेहतर मैसेज जाय। राजद नेता अभिषेक कुमार गोलू ने कहा कि मेला में सांस्कृतिक कार्यक्रम होना चाहिए। सिलाव राजद प्रखंड अध्यक्ष मो. महफूज आलम ने कहा कि मेला के दौरान शहर के चौक-चौराहे पर बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था हो। वार्ड पार्षद बिरजु राजवंशी ने कहा कि खेलकूद भी हो। इसमें खिलाड़ियों को मिलने वाले राशि को बढ़ाया जाय। मो. एहतेशाम मल्लिक ने कहा कि मेला में टेंट पंडाल बनें। जामा सिंह ने कहा कि मलमास मेला सैरात जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाय। भाजपा नेता विकास कुमार कुशवाहा ने कहा कि मकर मेला धार्मिक आस्था का मेला है। यह किसानों की प्रदर्श के साथ कुंड में स्नान का भी महत्व रखता है। इसे देखते हुए बेहतर व्यवस्था की जाय। झुनकिया मंदिर के महंत बाबा अंतर्यामी ने कहा कि मेला में संतों को भी बुलाया जाय। इस मौके पर जदयू नेता मुन्ना कुमार, जदयू प्रखंड अध्यक्ष जयराम सिंह, जदयू नगर अध्यक्ष राकेश कुमार, जदयू नेत्री मीरा कुमारी, पूर्व प्रमुख चंचला वर्मा, जदयू नेता रंजीत कुमार छोटे, वार्ड पार्षद सुबेन्द्र राजवंशी, पूर्व मुखिया अनुज चौधरी, जिला परिषद सदस्य नूतन देवी, बादल कुमार, मुन्ना पासवान, विवेक मुनि सहित अन्य मौजूद थे।
पिछली बार की तरह ही होगा मेला :
राजकीय मकर मेला पिछले बार की तरह ही होगा। कम समय होने के कारण इस बार इसमें अलग से कुछ कर पाना मुश्किल है। ये बातें डीएम शशांक शुभंकर ने मेला की बैठक में कहीं। उन्होंने कहा कि अगले साल से इसे व्यापक व बेहतर तरीके से आयोजन किया जायेगा। उन्होंने मेला को बेहतर बनाने के लिए एसडीओ को कमेटी बनाने को कहा।
मकर मेला को बनाया जाय यादगार : विधायक
विधायक कौशल किशोर ने कहा कि राजकीय मकर मेला को यादगार बनाया जाय। इसमें सांस्कृतिक, धार्मिक व पौराणिक परंपरा को बचाते हुए बेहतर तरीके से आयोजित करें।
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मकर मेला में होती है विभिन्न तरह की प्रतियोगिताएं :
मकर मेला में पहले से ही विभिन्न तरह की प्रतियोगिताएं होती चली आ रही है। पहले दिन मेला थाना मैदान में पूजा, उद्घाटन सत्र, पशु प्रदर्शनी, रंगोली प्रतियोगिता सहित अन्य होती चली आ रही है। साथ ही पतंग उत्सव भी होता रहा है। शाम के समय सप्तधारा में महाआरती का भी आयोजन होता रहा है। उसके बाद अन्य दिनों में दंगल, विभिन्न तरह के खेल, कवि सम्मेलन, सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित अन्य होते रही है।